श्याम के प्रेमी रुकते नहीं है किसी के रोके से
श्याम के प्रेमी रुकते नहीं है किसी के रोके से,
डरते नहीं है आंधी और तूफान के झोंके से,
श्याम जब याद आता है, प्रेमी कोई रूक नहीं पाता है,
श्याम के प्रेमी रुकते नहीं है किसी के रोके से,
डरते नहीं है आंधी और तूफान के झोंके से,
श्याम जब याद आता है, प्रेमी कोई रूक नहीं पाता है,
जैसे ही हमने याद किया, वह लीले चढ़कर आ गया,
लीले पर उसे बैठा देख, चांद भी शरमा गया,
कहीं नजर न लग जाए, कुछ तो करो,
फूलों से ढक जाए, ऐसा करो,
कजरा लगा दो लगे ना नजर फिर, कभी भी धोखे से,
डरते नहीं है आंधी और तूफान के झोंके से,
श्याम जब याद आता है, प्रेमी कोई रूक नहीं पाता है,
सूरज की लाली मुखड़े पर, मुखड़े को चमकाती है,
मुखडे कि वह चमक ही तो, प्रेमी को तड़पाती है,
फिर क्या हो जाता पता नहीं, इसमें कोई दिल की खता नहीं,
उसने दिया है हमें सहारा बड़े ही मौके से,
डरते नहीं है आंधी और तूफान के झोंके से,
श्याम जब याद आता है, प्रेमी कोई रूक नहीं पाता है,
मिलता है तब धीरज जब यह ,श्याम सामने होता है,
श्याम प्रेमी का दिल है दीवाना ,याद में उसके रोता है,
उसके बिन दिल यह, ना माने,
किसी और को दिल ना, पहचाने,
कोई असर नहीं पड़ता है अब किसी के रोके से,
डरते नहीं है आंधी और तूफान के झोंके से,
श्याम जब याद आता है, प्रेमी कोई रूक नहीं पाता है,
श्याम के प्रेमी रुकते नहीं है किसी के रोके से,
डरते नहीं है आंधी और तूफान के झोंके से,
श्याम जब याद आता है, प्रेमी कोई रूक नहीं पाता है,
श्याम के प्रेमी रुकते नहीं है किसी के रोके से,
डरते नहीं है आंधी और तूफान के झोंके से,
श्याम जब याद आता है, प्रेमी कोई रूक नहीं पाता है,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन