तुझे छोड़ के सांवरिया बोलो मैं कहाँ जाऊं
( तर्ज – ऐ मेरे दिले नादाँ )
तुझे छोड़ के सांवरिया,
बोलो मैं कहाँ जाऊं,
या ठोर ठिकाना बता,
जहाँ तुझको पा जाऊं,
तुझे छोड़ के साँवरिया,
बोलो मैं कहाँ जाऊं।।
तन मन में बसे तुम ही,
आँखों की ज्योति हो,
मेरा सुख चैन तुम्ही,
आनंद के मोती हो,
सांसो की माला से,
जप जप के तुझे ध्याऊँ,
तुझे छोड़ के साँवरिया,
बोलो मैं कहाँ जाऊं।।
तुझे भूल के सांस गिनूँ,
वो चित्त नहीं देना,
तू मेरा हो गया,
फिर जग से क्या लेना,
तेरे प्रेम के सागर की,
लहरों में समा जाऊं,
तुझे छोड़ के साँवरिया,
बोलो मैं कहाँ जाऊं।।
इक दीप जला रखा,
तेरे नाम का आँगन में,
तुझको ही बसाया है,
‘राधे’ ने तन मन में,
‘चोखानी’ को जैसी मिली,
वैसी ही कृपा पाऊं,
तुझे छोड़ के साँवरिया,
बोलो मैं कहाँ जाऊं।।
तुझे छोड़ के सांवरिया,
बोलो मैं कहाँ जाऊं,
या ठोर ठिकाना बता,
जहाँ तुझको पा जाऊं,
तुझे छोड़ के साँवरिया,
बोलो मैं कहाँ जाऊं।।
श्रेणी : कृष्ण भजन