पागल तेरा बिहारी तेरे नाम रस में डूबा
तरज़-मै कहीं कवि ना बन जाऊं
पागल तेरा बिहारी,तेरे नाम रस में डुबा
1. बृज़धाम में रहूंगा,पाऊंगा तेरे दर्शंन,
गाऊं तेरे भजंन मैं,चरणों में मन लगेगा,
पागल तेरा बिहारी,तेरे नाम रस में डूबा,
पागल तेरा बिहारी....
2. श्री हरिदास का सानिद्धय,तटिया अस्थान पाऊं,
करूं धन्य पाकर जीवन,रज़ में रमें ये तन मन,
पागल तेरा बिहारी,तेरे नाम रस में डूबा,
पागल तेरा बिहारी....
3. तेरे रूप के समन्दर,में पागल का मन है डुबा,
धसका रहेगा खोया,तेरे प्रेम के भंवर,
पागल तेरा बिहारी,तेरे नाम रस में डूबा,
पागल तेरा बिहारी....
रचनां - बाबा धसका पागल
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श्रेणी : कृष्ण भजन
तरज़-मै कहीं कवि ना बन जाऊं पागल तेरा बिहारी,तेरे नाम रस में डुबा, बृज़धाम में रहूंगा,पाऊंगा तेरे दर्शंन, गाऊं तेरे भजंन मैं,चरणों में मन लगेगा, पागल तेरा बिहारी,तेरे नाम रस में डूबा, taraz-mai kaheen kavi na ban jaoon paagal tera bihaaree,tere naam ras mein duba, brzadhaam mein rahoonga,paoonga tere darshann, gaoon tere bhajann main,charanon mein man lagega, paagal tera bihaaree,tere naam ras mein dooba