कान्हा तेरे आगे खड़ा हूँ कर जोड़
तर्ज - सावन का महीना, पवन करे सोर
कान्हा तेरे आगे, खड़ा हूँ कर जोड़ ,
विनती मेरे सुन लो, ओ मेरे नन्द किशोर -२
हारे हुए को कान्हा, तुम हो जीताते,
भटके हुए को राह दिखाते ,
मैं भी हार गया हूँ, देखो ना मेरी ओर - २
विनती मेरे सुन लो, ओ मेरे नन्द किशोर -२
महिमा सुनी हैं सब से, दर की ये तेरी ,
कब होगी पूरी कान्हा, इच्छा ये मेरी
जब तक मेरी सुनो ना, जाऊ ना कही ओर -२
विनती मेरे सुन लो, ओ मेरे नन्द किशोर -२
क्या मैं बताऊ तुमको, सब तो पता हैं ,
हाल ये मेरा क्या तुमसे छुपा हैं,
कर दो इच्छा पूरी , तरसाओ ना अब ओर -२
विनती मेरे सुन लो, ओ मेरे नन्द किशोर -२
Lyrics - Jay Prakash Verma
श्रेणी : कृष्ण भजन
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