लाडली जू कृपा करो
लाडली जू कृपा करो..x२
प्यार के ये हाथ अपने, राधे मेरे सर पे धरो,
ललाडली जू कृपा करो..
स्वामिनी तू मेरी राधे, सेवा दार हूं मैं तेरा,
बस जाऊं बरसाने रज में,बस यही प्रण है मेरा,
मेरी इच्छा को किशोरी..x२ मेरे दामन में भरो,
ललाडली जू कृपा करो..
आया हूं तेरी शरण मैं, करदो न थोड़ी मेहर,
तुम तो हो करुणा मई अब,करुणा की कर दो नजर,
मुझ पे छाए काले बादल..x२ मेरे संकट को हरो,
ललाडली जू कृपा करो..
तेरे चरणों का किशोरी, कुंदन तेरा दास है,
मन मंदिर में राधे तेरा, मीठा सा एहसास है,
हे दया की देवी थोड़ी..x२ विवेक पर तुम दया करो,
ललाडली जू कृपा करो..
विवेक सिंघल,
9893303924
श्रेणी : कृष्ण भजन
यह श्रीराधा रानी का भक्ति भजन पूर्णतः शरणागति, करुणा और लाडली जी की कृपा की याचना को दर्शाता है। इस भजन के रचयिता विवेक सिंघल हैं, जिन्होंने इसमें एक सच्चे राधा-भक्त की भावनाओं को अत्यंत विनम्रता से प्रस्तुत किया है। भजन का मूल भाव यह है कि भक्त स्वयं को राधा रानी का दास मानते हुए उनके चरणों में स्थान चाहता है और बरसाने की रज में बस जाने की कामना करता है। “लाडली जू कृपा करो” पंक्ति में करुणा, मातृत्व और वात्सल्य भाव झलकता है, जहाँ भक्त अपने सभी संकटों को राधा रानी की कृपा से दूर करने की प्रार्थना करता है। यह भजन मन में श्रद्धा, विश्वास और आत्मिक शांति का भाव जागृत करता है तथा राधा भक्ति की मधुर अनुभूति कराता है।
