बोलो राधे राधे बोलो राधे राधे
बोलो राधे राधे बोलो राधे राधे,
राधे ऐसे नयन मुझे दीजिए,
तेरे दर्शन करूं राधे राधे,
बोलो राधे राधे बोलो राधे राधे,
राधे ऐसे कान मुझे दीजिए,
तेरा कीर्तन सुनू राधे राधे,
बोलो राधे राधे बोलो राधे राधे,
राधे ऐसी जीबा मुझे दीजिए,
तेरे भजन गायूं मैं राधे राधे,
बोलो राधे राधे बोलो राधे राधे,
राधे ऐसे हाथ मुझे दीजिए,
सेवा ताली करूं मैं राधे राधे,
बोलो राधे राधे बोलो राधे राधे,
राधे ऐसे पर मुझे दीजिए,
तेरे तीरथ करूं मैं राधे राधे,
बोलो राधे राधे बोलो राधे राधे,
राधे ऐसे सखियां मुझे दीजिए,
तेरा कीर्तन करूं मैं राधे राधे,
बोलो राधे राधे बोलो राधे राधे,
श्रेणी : कृष्ण भजन
Bolo Radhey Radhey Bolo Radhey Radhey/ Radha Rani Ke Bhajan #bhajanlovers #bhajanwithlyrics
"बोलो राधे राधे, बोलो राधे राधे", यह भजन श्रीराधा के दिव्य प्रेम और उनकी भक्ति का संगीतमय आह्वान है। यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक भक्त का सम्पूर्ण आत्मसमर्पण है, जिसमें वह अपने हृदय की गहराइयों से श्रीराधा से प्रार्थना करता है कि उसकी इंद्रियों का हर एक अंग केवल और केवल उनकी सेवा में लग जाए।
भक्त सबसे पहले अपनी दृष्टि की बात करता है—"राधे ऐसे नयन मुझे दीजिए, तेरे दर्शन करूं राधे राधे", यानी वह चाहता है कि उसकी आँखें केवल राधारानी के स्वरूप का दर्शन करें और संसारिक मोह से मुक्त हो जाएँ। इसके बाद वह अपने कानों के लिए प्रार्थना करता है कि "तेरा कीर्तन सुनूं राधे राधे", जिससे उसकी श्रवण शक्ति केवल हरि-कीर्तन और राधा-नाम में लीन रहे।
फिर, भक्त अपनी वाणी को श्रीराधा को समर्पित करता है—"राधे ऐसी जीभा मुझे दीजिए, तेरे भजन गाऊं मैं राधे राधे", ताकि उसकी जिह्वा सदैव श्रीराधा के भजन और नाम-संकीर्तन में रत रहे। इसी तरह, वह अपने हाथों के लिए प्रार्थना करता है कि वे केवल सेवा में लगें—"सेवा ताली करूं मैं राधे राधे"।
भक्त का समर्पण यहीं नहीं रुकता, बल्कि वह अपने चरणों को भी श्रीराधा को अर्पित करता है—"तेरे तीर्थ करूं मैं राधे राधे", ताकि वे केवल तीर्थ यात्रा और भगवान की सेवा में ही चलें। अंत में, वह राधारानी से यह विनती करता है कि उसे ऐसी सखियाँ मिलें जो श्रीराधा का कीर्तन करने वाली हों—"तेरा कीर्तन करूं मैं राधे राधे"।
यह भजन केवल शब्दों का मेल नहीं, बल्कि एक सच्चे भक्त का जीवन दर्शन है। इसमें भक्ति की वह उच्चतम स्थिति प्रकट होती है, जहाँ मनुष्य अपनी समस्त इंद्रियों को ईश्वर सेवा में समर्पित कर देता है। भक्तिमार्ग पर चलने वालों के लिए यह भजन प्रेरणादायक है, जो उन्हें नाम संकीर्तन की महिमा का अनुभव कराता है।
"बोलो राधे राधे, बोलो राधे राधे", यह केवल एक पुकार नहीं, बल्कि आत्मा की पुकार है, जो उसे राधारानी की कृपा में विलीन कर देती है।