खाटू जी का मेला मा चाल मम्मी
खाटू जी का मेला मा चाल मम्मी, चाल मम्मी,
लगा मेलो बड़ो ही कमाल मम्मी,
सगळा ही भायला ने मैं तो बोल आयो,
खाटू वालो श्याम मने मेले में बुलायो,
अगला बरस पे ना टाल मम्मी, ना टाल मम्मी,
लगा मेलो बड़ो ही कमाल मम्मी,
खाटू जी का मेला मा...........
आयो रे आयो रे मेला,
आयो रे आयो रे मेला,
फागण का मेला आयो रे,
सानू भी जावे मम्मी तानु भी जावे,
दोन्या के सागे वा की मम्मी भी जावे,
तू भी मेरे सागे चाल मम्मी, चाल मम्मी,
लगा मेलो बड़ो ही कमाल मम्मी,
खाटू जी का मेला मा ...........
करके सिफारिश तू घर का ने मन ले,
खाटू माहि जाने की टिकटा मंगा ले,
अटेची में गाबा तू घाल मम्मी, घाल मम्मी,
लगा मेलो बड़ो ही कमाल मम्मी,
खाटू जी का मेला मा ...........
बेटा की बात सुन मम्मी यूँ बोली,
बाबा के सागे अबकी खेलांगा होली,
खाटू जी का मेला में चाल बेटा चाल बेटा,
तेरी मम्मी भी हो जा निहाल बेटा,
खाटू जी का मेला मा...........
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
Khatu Chaal Mummy | Khatu Shyam Fagun Mela Bhajan | Puja Nathani | खाटू जी का मेला मा चाल मम्मी
"खाटू जी का मेला मा चाल मम्मी" एक लोकप्रिय खाटू श्याम भजन है, जिसे भक्ति और श्रद्धा से भरपूर अंदाज में गाया गया है। यह भजन भक्तों के हृदय में उमंग और आस्था की लहरें पैदा करता है, खासकर जब फाल्गुन मास में खाटू श्याम का विशाल मेला लगता है। इस भजन में एक भक्त अपनी माँ से आग्रह करता है कि वह उसके साथ खाटू जी के मेले में चले, जहाँ भक्ति का महासंगम लगता है और बाबा श्याम के दर्शनों से आत्मा तृप्त हो जाती है।
भजन की पंक्तियाँ अत्यंत सरल और भावनात्मक हैं, जो हर भक्त के मन में अपनी जगह बना लेती हैं। इसमें मेले की भव्यता, भक्तों की उमंग, और खाटू श्याम के प्रति अटूट श्रद्धा का सुंदर चित्रण किया गया है। भक्त यह भी कहता है कि उसने अपने सभी मित्रों और परिवारवालों को पहले ही बता दिया है कि इस बार बाबा श्याम ने उसे बुलाया है, इसलिए किसी भी हाल में यह यात्रा नहीं टालनी चाहिए।
भजन में माँ-बेटे के बीच का प्यार भी झलकता है, जहाँ बेटा माँ से बार-बार विनती करता है कि वह भी उसके साथ खाटू धाम चले, और अंततः माँ भी सहमत हो जाती है कि इस बार वे बाबा के दरबार में ही होली खेलेंगे। यह दृश्य हर भक्त की भावनाओं को छू जाता है और खाटू श्याम की कृपा की अनुभूति कराता है।
इस भजन को पूजा नथानी द्वारा गाया गया है, जिनकी मधुर आवाज़ ने इसे और भी भावपूर्ण बना दिया है। जब यह भजन सुनते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे स्वयं बाबा श्याम अपने भक्तों को बुला रहे हों। फाल्गुन मेले के दौरान इस भजन की गूंज पूरे खाटू नगरी में सुनाई देती है, और हर भक्त इसके बोलों पर झूम उठता है।