अंखियां तों चुक्क पर्दा जे देखना
ओ हलवा हलवा हलवा,
अंखियां तों चुक्क पर्दा,
जे देखना दाती दा जलवा,
ओ छोले छोले छोले,
ओदे नाल की बोलना,
जेड़ा जय माता दी ना बोले,
ओ तारां तारां तारां,
दाती तेरे चरणां तों,
मैं तां लख स्वरगां नूँ वारां,
ओ थाली थाली थाली,
उचेयाँ पहाड़ां वालिये,
ऐ सारे जगत दी वाली,
ओ कासा कासा कासा,
वेड़े तेरे पार करा,
तूँ रख दाती ते आसा,
ओ मोती मोती मोती,
चढ़ लै चढ़ाइयाँ भगता,
हथ फड़के सिद्धक वाली सोटी,
ओ आवाँ आवाँ आवाँ,
मैया तेरे चरणां दी,
धूल चूक के मत्थे ते लावां,
ओ हलवा हलवा हलवा,
अंखियां तों चुक्क पर्दा,
जे देखना दाती दा जलवा,
श्रेणी : दुर्गा भजन
SSDN:- माता रानी के पंजाबी टप्पे |Navratri special bhajan| Bhajan With lyrics |anandpur bhajan #ssdn
यह भजन "अंखियां तों चुक्क पर्दा जे देखना" एक अत्यंत भावपूर्ण और श्रद्धा से ओत-प्रोत पंजाबी टप्पा है, जो माता रानी की महिमा का गुणगान करता है। इस भजन में भक्त की भावना इतनी गहराई से झलकती है कि वह माता के दर्शन के लिए अपनी आंखों से पर्दा हटाने की विनती करता है, ताकि वह दाती यानी माता रानी का दिव्य जलवा देख सके। पूरे भजन में अलग-अलग भावनाओं के माध्यम से यह दर्शाया गया है कि मां के चरणों की मिट्टी भी स्वर्ग से बढ़कर है।
"हलवा", "छोले", "थाली", "कासा", "मोती" जैसे शब्दों का दोहराव भजन को एक लयात्मक और आकर्षक रूप देता है, जो नवरात्रि जैसे पावन अवसरों पर भक्तों को नाचने और झूमने पर मजबूर कर देता है। इसमें यह भी दर्शाया गया है कि अगर कोई "जय माता दी" नहीं बोलता तो उसके साथ कोई संवाद नहीं हो सकता, यानी माता का नाम सबसे ऊपर है।
यह भजन खास तौर पर नवरात्रि के समय भक्तों के लिए एक प्रेरणा बनता है, जब वे नौ दिनों तक मां दुर्गा की उपासना में लीन रहते हैं। इसमें आस्था, श्रद्धा और प्रेम का संगम है। इसके बोल सादगी भरे हैं लेकिन भावनात्मक रूप से अत्यंत प्रभावशाली हैं।
यह भजन SSDN द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें "माता रानी के पंजाबी टप्पे" के रूप में इसे बड़ी खूबसूरती से पिरोया गया है। आनंदपुर भजन मंडली की प्रस्तुति में इसे खास तौर पर भजन प्रेमियों के लिए भजन विथ लिरिक्स के रूप में तैयार किया गया है, ताकि श्रद्धालु इसे पढ़कर गा सकें और अपनी भक्ति में खो जाएं।
यह न केवल एक भजन है, बल्कि एक भाव है – मां के प्रति प्रेम, समर्पण और श्रद्धा का।