बाबा मेरा बड़ा लखदातार है
( तरज - काली कमली वाला मेरा यार है )
बाबा मेरा बड़ा लखदातार है,
खाटू से चला रहा सरकार है,
जो भी आया दर बेड़ा पार है,
खाटू वाला बड़ा ही प्यारा दीन दुखी का यह सहारा,
ज्यादा टेंशन लेना अब बेकार है,
खाटू से चला रहा सरकार है..
सबकी सुनता खाटू वाला गरीब हो चाहे पैसे वाला,
पैदल वाले को मिल गई मोटर कार है,
खाटू से चला रहा सरकार है..
तड़पाओ ना श्याम प्यारे हम भी बाबा है तुम्हारे,
लकी खाटू आने को बेकरार है,
खाटू से चला रहा सरकार है..
Lyr ics - lucky Shukla
श्रेणी : खाटू श्याम भजन

यह भजन "बाबा मेरा बड़ा लखदातार है" भजनकार लकी शुक्ला द्वारा रचित एक अत्यंत प्रेरणादायक और मन को आनंद देने वाला खाटू श्याम भजन है, जिसकी तर्ज लोकप्रिय गीत "काली कमली वाला मेरा यार है" पर आधारित है। यह रचना भक्तों की श्रद्धा, विश्वास और अनुभव को बड़े ही सरल, सजीव और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है।
भजन की शुरुआत में ही यह साफ़ कर दिया गया है कि खाटू वाला बाबा केवल भक्तों की सुनते ही नहीं, बल्कि उनका जीवन ही संवारते हैं। बाबा खाटू श्याम को "लखदातार" कहकर संबोधित किया गया है, यानी जो अनगिनत दान देने वाला है। वह खाटू नगरी से ही अपनी दिव्य सरकार चला रहे हैं और जो भी भक्त उनके दर पर आता है, उसका बेड़ा पार कर देते हैं।
दूसरे अंतरे में यह भाव आता है कि बाबा सभी के हैं — चाहे कोई गरीब हो या अमीर। उनका न्याय और कृपा एक समान है। एक ऐसा चित्र खींचा गया है जहाँ पैदल चलने वाला भी बाबा की कृपा से मोटर कार में बैठ जाता है — यह श्याम की कृपा की तुलना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
तीसरे अंतरे में लकी शुक्ला की आत्मीय पुकार सुनने को मिलती है। वे बाबा श्याम से भावुक होकर कहते हैं कि "तड़पाओ मत, हम भी तुम्हारे ही हैं।" यह भाव एक सच्चे भक्त के प्रेम और तड़प को दर्शाता है। और अंत में, वे यह स्वीकार करते हैं कि खाटू आने के लिए उनका मन व्याकुल हो चुका है।
इस पूरे भजन में भक्त और भगवान के बीच के आत्मिक संबंध को अत्यंत मधुर भावों में पिरोया गया है। भक्ति, प्रेम, विश्वास और विनम्रता — ये सभी तत्व इस भजन को एक विशेष ऊंचाई पर ले जाते हैं।