ओ बाबा कृपा मैं तेरी हरदम पाता रहूं
(तर्ज - तू खाटू बुलाता रहे और मैं आता रहूं )
ओ बाबा कृपा मैं तेरी हरदम पाता रहूं,
तू लिखवाता रहे और मैं गाता रहूं,
देखा जबसे तुने कमाल हो गया है,
सूखा हुआ बाग गुलजार हो गया है,
ओ बाबा गुनगान तेरा यूं ही गाता रहूं,
तू लिखवाता रहे और मैं गाता रहूं,
तस्वीर तेरी पर ये दिल आ गया है,
सच कह रहा हूं बाबा मन आ गया है,
ओ बाबा तेरी ही नगरी में आता रहूं,
तू लिखवाता रहे और मैं गाता रहूं,
किस्मत पर नहीं मुझे तुम पे भरोसा,
लकी को तूने बाबा पाला और पोशा,
ओ बाबा चौखट पे सिर मैं झुकाता रहूं,
तू लिखवाता रहे और मैं गाता रहूं,
Lyr ics - lucky Shukla
श्रेणी : शिव भजन

यह भजन "ओ बाबा कृपा मैं तेरी हरदम पाता रहूं" प्रसिद्ध भजन लेखक लकी शुक्ला द्वारा रचित एक अत्यंत भावपूर्ण शिव भजन है, जिसकी तर्ज लोकप्रिय गीत "तू खाटू बुलाता रहे और मैं आता रहूं" पर आधारित है। इस रचना में एक सच्चे भक्त की अपने आराध्य शिव बाबा के प्रति गहरी श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का भाव बहुत सुंदरता से उभरकर सामने आता है।
भजन की शुरुआत से ही यह भावना प्रकट होती है कि बाबा की कृपा ही जीवन का सबसे बड़ा वरदान है। भजनकार कहता है कि "तू लिखवाता रहे और मैं गाता रहूं" — यह पंक्ति दर्शाती है कि वह अपने जीवन को बाबा की इच्छा के अनुसार जीने को तैयार है। यह पूर्ण समर्पण का प्रतीक है।
दूसरे अंतरे में शिव की कृपा से हुए चमत्कार को बयान किया गया है — "सूखा हुआ बाग गुलजार हो गया है", यानी जो जीवन कभी निराशा से भरा था, वह अब बाबा की कृपा से आनंदमय हो गया है। भक्त की जुबान पर बाबा का गुनगान हर समय बसा हुआ है।
तीसरे अंतरे में यह बताया गया है कि बाबा की तस्वीर देखकर ही दिल को सुकून मिल जाता है। भक्त का मन बार-बार बाबा की नगरी में जाने को लालायित रहता है, जहाँ उसकी आत्मा को सच्चा शांति और आनंद प्राप्त होता है।
अंत में, भजनकार लकी शुक्ला अपने भाव को बहुत ही मार्मिक ढंग से समेटते हैं — "किस्मत पर नहीं मुझे तुम पे भरोसा", यानी वह अपने भाग्य से नहीं, बाबा की कृपा पर भरोसा रखता है। बाबा ने उसे पाला-पोसा है और वही उसका सहारा हैं।
यह भजन उन सभी श्रद्धालुजनों के हृदय को स्पर्श करता है, जो शिव बाबा के प्रति न केवल भक्तिभाव रखते हैं, बल्कि अपने जीवन के हर क्षण को उनके चरणों में समर्पित करना चाहते हैं।