बजरंगबली वो
टेक : बजरंगी बलि वो, बलि म बलि चिर छाती देखाए ना ll 2
सिया के दुलारे लंका वो, छीन म जराये ना.....
बजरंगबली वो....
अंजनी के हवे लाला कर काम वो निराला,
बेंदरा उछल चाल सुरुज लीले हे लाला ll
चढ़ -केशरीके नंदन,मारुती नंदन अखरा देखाय ये ना....
सिया के दुलारे लंका वो छीन म ज़राये ना....
बजरंगबली वो....
गढ़ लंका ला ज़राये अक्षय ल मार गिराये,
सीता के सुध लाये लक्ष्मण ल जियाये ll
चढ़ -राम सिया के वो, तिसो घरी सेवा बजाय ना....
सिया के दुलारे लंका वो छीन म ज़राये ना....
बजरंगबली वो....
जानकी ले आशीष पाये,अजर अमर वो कहाये,
हनुमत दरस देखाय तुलसी बहूख लिख गाये ll
चढ़ - राम भजन प्रेम डमरू भजे अजय सुन आये ना.....
सिया के दुलारे लंका वो छीन म ज़राये ना....
बजरंगबली वो....
श्रेणी : हनुमान भजन
Aman Baghel | Cg Jas Geet | Bajrang Bali | Chhatttisgarhi Gana | Bhakti Song 2024 | BHAKTIKKCASSETTE
यह छत्तीसगढ़ी भजन “बजरंगी बलि वो…” वीरता, भक्ति और श्री हनुमान जी की अद्भुत लीलाओं का एक दमदार चित्रण है। Aman Baghel की आवाज़ में प्रस्तुत यह भजन न सिर्फ श्रद्धालुओं को भक्ति से सराबोर कर देता है, बल्कि उनमें ऊर्जा और साहस भी भर देता है।
भजन की टेक “बजरंगी बलि वो, बलि म बलि चिर छाती देखाए ना” श्री हनुमान जी की महाशक्ति और उनके अद्भुत पराक्रम की घोषणा करती है। यह भजन रघुकुल नायक श्रीराम के प्रति उनकी निःस्वार्थ सेवा, लंका दहन, सीता माता की खोज, लक्ष्मण के लिए संजीवनी लाना जैसे महान कार्यों का सुंदर गायन करता है।
अंजनी माता के लाल, केसरी नंदन और मारुती नंदन जैसे पवित्र नामों से सजी यह रचना हनुमान जी के भक्तों को उनकी भक्ति में लीन होने का अवसर देती है। भजन में तुलसीदास जी का भी उल्लेख आता है, जिनकी कलम से हनुमत चरित्र की महिमा अमर हुई।
यह गीत न केवल छत्तीसगढ़ी संस्कृति का एक भक्ति स्वरूप है, बल्कि समूचे भारत में श्री हनुमान जी की महिमा का संदेश भी फैलाता है। जो भी इसे सुनता है, उसका मन "जय बजरंगबली" के उद्घोष से भर उठता है। वीर रस, भक्ति भाव और लोकगीत की मिठास से सजा यह भजन अवश्य सुनें और हनुमान जी की भक्ति में डूब जाएं। 🚩💪🏻