दम नाल दम भरांगी राजैंया वे
दम नाल दम भरांगी राजैंया वे,
जीवें कवेंगा करांगी राजैंया वे,
दम नाल....
मेडा जिस्म तेडा ईंमान वीं तूं,
मेरा रब रसूल कुरांन वी तूं,
सिर कदमा ते धरांगी राजैंया वे,
जीवें कवेंगा करांगी राजैंया वे,
दम नाल....
तेरे हुक़म ते जांन निसार करसां,
तैंनूं सौंणेया रजके प्यार करसां
तेरा पाणीं वी भरांगी राजैंया वे,
जीवें कवेंगा करांगी राजैंया वे
दम नाल....
मुख़ मोड़ना यार दा कंम नाहीं,
यारी तोड़ना प्यार दा कंम नाहीं
तेरे नाल मैं मरांगी राजैंया वे,
जीवें कवेंगा करांगी राजैंया वे
दम नाल....
बाबा धसका पागल पानीपत
संपर्कंसुत्र-7206526000
श्रेणी : कृष्ण भजन

यह भजन “दम नाल दम भरांगी राजैंया वे” एक अत्यंत भावुक और समर्पण से भरा हुआ कृष्ण भक्ति गीत है, जिसे बाबा धसका पागल पानीपत ने लिखा है। यह भजन प्रेम, विश्वास और आत्मसमर्पण की चरम अवस्था को दर्शाता है, जिसमें एक भक्त अपने आराध्य के प्रति अपने प्राणों तक को समर्पित कर देने का भाव प्रकट करता है। इस भजन में भक्त अपने आराध्य को ही अपना ईमान, कुरान, रब और रसूल मानते हुए कहता है कि वह हर हाल में उसके साथ रहेगा, चाहे जीवन रहे या मृत्यु आ जाए। हर पंक्ति में एक गहरा भाव है — “दम नाल दम भरांगी राजैंया वे, जीवें कवेंगा करांगी राजैंया वे” — यह सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक सच्चे प्रेमी का प्रण है कि वह अंत तक अपने प्रिय के साथ खड़ा रहेगा। साथ ही, यह भी कहा गया है कि न तो यारी तोड़ी जाएगी और न ही कभी मुँह मोड़ा जाएगा, क्योंकि सच्चा प्रेम कभी बीच रास्ते नहीं रुकता। इस भजन को पढ़ते हुए ऐसा प्रतीत होता है जैसे एक सच्चा भक्त अपने कृष्ण के चरणों में पूर्ण समर्पण कर रहा हो। बाबा धसका पागल जी का यह रचना-शिल्प भावनाओं से भरपूर है और हर किसी को भक्ति और प्रेम के सागर में डुबो देने की शक्ति रखता है।