जयकारा जयकारा जयकारा
जयकारा, जयकारा, जयकारा,
सानूं, लगदा ए प्यारा ll
लगदा ए, प्यारा सानूं,
लगदा ए प्यारा l
जयकारा, जयकारा, जयकारा,,,,,
सीस, मइया दे, मुकुट विराजे ll
कुंडलां, दा लिशकारा,
सानूं, लगदा ए प्यारा l
जयकारा, जयकारा, जयकारा,,,,,
सीस, मइया दे, चुनरी साजे ll
गोटे दा, लिशकारा,
सानूं, लगदा ए प्यारा l
जयकारा, जयकारा, जयकारा,,,,,
गले, मइया दे, कैंठा सोहे ll
नथणी, दा लिशकारा,
सानूं, लगदा ए प्यारा l
जयकारा, जयकारा, जयकारा,,,,,
बांहीं, मइया दे, चूड़ा साजे ll
हीरे, दा लिशकारा,
सानूं, लगदा ए प्यारा l
जयकारा, जयकारा, जयकारा,,,,,
अपलोडर - अनिलरामूर्ति भोपाल
श्रेणी : दुर्गा भजन
#navratri #भेंट 🚩 नथनी दा लिशकारा सानू लगदा है प्यारा 🙏❣️✨@RSBhajanMandaliचैनल सबस्क्राइब करें 🙏
यह भजन "जयकारा, जयकारा, जयकारा" माता दुर्गा की महिमा और उनकी दिव्य सुंदरता का बखान करता है। भजन में माता के विभिन्न आभूषणों और उनकी दिव्यता का उल्लेख किया गया है, जो भक्तों के मन में श्रद्धा और प्रेम जाग्रत करता है। हर चरण में माता के एक विशेष आभूषण का वर्णन किया गया है, जैसे उनके सीस में मुकुट, गहनों से सजे गले और चूड़े, जो माता की सौम्यता और महिमा को दर्शाते हैं।
भजन के प्रत्येक अंतरे में "सानूं लगदा ए प्यारा" शब्दों के माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा और प्रेम का इज़हार करते हैं, यह दर्शाते हुए कि माता के हर रूप में उन्हें एक नई सुंदरता और आकर्षण का अनुभव होता है। माता के गहनों, चूड़ों, और आभूषणों का यह वर्णन न केवल उनकी भव्यता का प्रतीक है, बल्कि भक्तों के दिलों में उनकी पूजा और भक्ति को और भी गहरा करता है।
इस भजन को सुनते समय भक्त माता के आभूषणों और उनकी कृपा की अनुभूति करते हैं और उन्हें अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं। यह भजन विशेष रूप से नवरात्रि में माता की पूजा और आराधना के समय सुनने के लिए उपयुक्त है।