बम बम भोले शिव शंकर जी
बम बम भोले शिव शंकर जी,
बम बम भोले केलाशपति जी,
गोरा बनके दुल्हन सज गई,
शिव शंकर बन लाड़ा जी,
भोलेनाथ दी अज है शादी,
नचदा आलम सारा जी.... 2
तीन लोक अज इकठे होए,
शाईयां अज बहारा जी,
गोरा बनके दुल्हन सज....
1) देवी देव की भूत परेती,
बनके बराती आये आ,
भोलेनाथ मेरे शिव शंकर दे,
रलके जयकारे लाये आ. .. 2
सज धज के सब होगये इकठे.... 2
हरकोई शिव नु प्यारा जी,
गोरा बनके दुल्हन......... 2
2) केहन गोरा दिया सखीया,
गोरा केसा वर तु चुनेया ए,
गल विच फनियर सिर ते जटावा,
हाथ विच डमरू फडेआ ए.... 2
तन ते भस्मा मलिया ओहने... 2
केसा रूप न्यारा जी,
गोरा बनके दुल्हन सज.....
3) दीपु हरिपुरिये आजो रलके,
शिव नु दाईये वदाई जी,
नरिंदर निषाद ने नच नच के,
अज शिव महिमा है गाई जी...2
किनी सोहनी लगदी जोड़ी,
सोहनी लगदी जोड़ी,
मै दिल करदा वेखी जावा जी,
गोरा बनके दुल्हन सज....
श्रेणी : शिव भजन
BHOLE NATH DI SHADI || ਭੋਲੇ ਨਾਥ ਦੀ ਸ਼ਾਦੀ || NARINDER NISHAD |||| NEW SHIV BHAJN 2025
यह भजन भगवान शिव की शादी की महिमा और आनंद को दर्शाता है। इसे नरिंदर निषाद द्वारा गाया गया है और इसमें भगवान शिव की शादी के उत्सव का जश्न मनाया गया है। भजन की शुरुआत "बम बम भोले" के जयकारे से होती है, जो शिव के भक्तों द्वारा उनकी पूजा और महिमा के प्रतीक होते हैं। भजन में भगवान शिव को 'गोरा' के रूप में दुल्हन के रूप में सजाया गया है, और यह संकेत करता है कि शिव शंकर ने अपनी शादी में सभी देवी-देवताओं और भूत-प्रेतों को आमंत्रित किया था, जिससे संपूर्ण त्रिलोक में उल्लास का माहौल बना था।
भजन में भगवान शिव के रूप में जो रूपांकित किया गया है, वह उनके अद्वितीय रूप को दर्शाता है—शिव के सिर पर जटा, हाथ में डमरू और तन पर भस्म की विशेषताएँ, जो उनकी शक्ति और महिमा का प्रतीक हैं। इस भजन में शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा की गहरी भावना व्यक्त की गई है, जिसमें शिव शंकर के विवाह के दिन के आयोजन और उनकी भव्यता का उल्लेख किया गया है।
यह भजन शिव के जीवन के एक महत्वपूर्ण पल को उत्सव के रूप में प्रस्तुत करता है और शिव की महिमा और उनके अद्वितीय रूप को श्रद्धापूर्वक गाया गया है।