ले ले के राधा नाम
ले ले के राधा नाम मेरा मन झूम रहा,
मेरा मन झूम रहा, मेरा मन झूम रहा,
जब जब लाडो तेरे बरसाना आऊं -2
ऊंची अटा..री के दर्शन पाऊं -2
और जाऊं मैं बलिहार मेरा मन झूम रहा,
ले ले के राधा नाम, मेरा मन झूम रहा...
मंगला दर्शन मैं भी करूंगी -2
सोहनी सेवा मैं भी करुगी -2
इतना करना उपकार मेरा मन झूम रहा...
ले ले के राधा नाम, मेरा मन झूम रहा...
परिक्रमा में दौड़ी जाऊं -2
थक के राधा नाम जो गाऊ -2
तब मिले संत हर बार मेरा मन झूम रहा...
ले ले के राधा नाम, मेरा मन झूम रहा...
चरण कमल की सेवा दीजो -2
करुणा मई करुणा कर दीजो -2
'दृष्टि' की सुनो पुकार मेरा मन झूम रहा,
दासी की सुनो पुकार मेरा मन,
ले ले के राधा नाम, मेरा मन झूम रहा...
श्रेणी : कृष्ण भजन
ले ले के राधा नाम..!! le le ke radha nam..| #ब्रजधाम @drishtivedansh5518@charanjeet_barsane_wale
यह भजन "ले ले के राधा नाम, मेरा मन झूम रहा" श्रद्धा, प्रेम और भक्ति से ओतप्रोत एक अद्भुत रचना है, जिसमें राधा रानी के नाम स्मरण मात्र से भक्त के हृदय में उत्पन्न होने वाले आनंद और भावों को अत्यंत सुंदर ढंग से व्यक्त किया गया है। यह भजन भक्त ‘दृष्टि’ जी द्वारा गाए गए भावों को समर्पित है, जिसमें राधा नाम की महिमा और ब्रजधाम की भक्ति यात्रा को बड़े सरल और भावपूर्ण शब्दों में पिरोया गया है।
भजन की हर पंक्ति राधा रानी की सेवा, दर्शन और नाम स्मरण की उत्कंठा से भरी हुई है। जब-जब भक्त बरसाना आता है और ऊँची अटारी के दर्शन करता है, तब उसका मन राधा नाम के आनंद में झूम उठता है। मंगला दर्शन की लालसा, सेवा की भावना और संतों के दर्शन की प्यास — ये सभी भावनाएं इस भजन में सजीव हो उठती हैं।
"परिक्रमा में दौड़ी जाऊं, थक के राधा नाम जो गाऊ" — यह भाव बताता है कि भक्त को कितना सुकून केवल राधा नाम लेने से मिलता है। भजन का अंतिम भाग, जिसमें राधा रानी से चरण सेवा की विनती की गई है, बेहद कोमल और भक्तिपूर्ण है। "करुणा मयी करुणा कर दीजो", यह विनम्र निवेदन बताता है कि एक सच्चा भक्त केवल कृपा दृष्टि की ही कामना करता है।
कुल मिलाकर यह भजन ब्रज रसायन में डूबे भक्तों के लिए एक भावनात्मक अनुभव है। इसमें भक्ति है, प्रेम है, समर्पण है और वह राधामयी रस है जो हर राधे नाम लेने वाले के मन को झूमने पर विवश कर देता है।