तेनु हक है माईए नी सानु दर तो तोरन दा
तेनु हक है माईए नी सानु दर तो तोरन दा-2
पर हक नही माईए सानु खाली मोड़न दा-2
जे रुल असी जावांगे रुल तू वी जावेगी-2
विना बच्चेदा दे माईए किवे मां कहावेगी-2
तेनु हक है साडे नाल मां दुःख सुख फोलन दा-2
पर हक नही माईए सानु दर दर रोलन दा-2
तेनु हक है माईए नी....
असी बचड़े तेरे हां मां गलतिया करदे हां-2
फिर जैसा करदे हां बैसा ही परदे हां-2
तेनु हक है मांईए. नी सानु थप्पड़ मारन दा-2
तेनु हक नही माईए पल पल दुत्कारन दा
तेनु हक है माईए....
जे घर साडे आवेगी पलका ते विठावांगे-2
चंगे हा या माड़े हां तेरे ही कहावांगे-2
तेन हक है साडे नाल मां लाड लडावन दा-2
पर हक नही माईन सानु इंज तरसावन दा-2
तेनु हक है माईए नी सानु दर तो तोरन दा-2
पर हक नही माईए सानू खाली मोड़न दा-2
श्रेणी : दुर्गा भजन
🌹तेनु हक है माइए नी सानु लाड लडावन दा🌹 मां भगतो के लिए सुंदर भजन 🙏 ज़रूर सुने 🙏
यह भजन "तेनु हक है माईए नी सानु दर तो तोरन दा" माता के प्रति एक भावनात्मक श्रद्धा और नफरत के बावजूद माँ के प्रति बच्चों का प्रेम और आत्मसमर्पण व्यक्त करता है। इस भजन में माँ के अधिकारों और उनके साथ एक बच्चे के रिश्ते को बड़ी ही सहजता से समझाया गया है।
भजन के शब्दों में, बच्चे माँ के साथ अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं और समझते हैं कि माँ का अधिकार है उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देने का, चाहे वह उन्हें डाँटना या थप्पड़ मारना हो। वहीं, बच्चे यह भी समझते हैं कि माँ का यह अधिकार नहीं है कि वह उन्हें सिर्फ दर्द या मानसिक कष्ट दें।
भजन में माँ के अधिकार और उनके कर्तव्यों का संतुलन दर्शाया गया है। माँ की ममता, उनके आशीर्वाद और साथ के बावजूद, बच्चों की उम्मीद यह रहती है कि माँ उन्हें एक सशक्त और समझदार तरीके से संभाले, और उन पर आशीर्वाद और स्नेह की वर्षा करे।
यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो अपनी माँ के प्रति प्रेम, श्रद्धा और कृतज्ञता को व्यक्त करना चाहते हैं, और इस संदर्भ में अपनी भावनाओं को सीधे तौर पर माता के सामने रखते हैं।