तुम राधा रमण हो मेरे मैं दास हूं तेरा
( राधा रमण - भजन )
दोहा - भक्तआधीनं, दीनदयालं, राधारमणं हरे हरे ॥
भक्तवत्सलं रसिकनरेशं, राधारमणं हरे हरे ।।
तर्ज - तुम जो चले गये तो होगी बड़ी ख़राबी
तुम राधा रमण हो मेरे मैं दास हूं तेरा,
कब घर मेरे तुम आओ जहां लगता है तेरा पेहरा...
दुनिया से हार कर में तेरी शरण में आया,
तरसती है जिससे दुनिया उनका प्यार पाया,
जब तक तुम ना मिले थे होता था निराशा चेहरा,
कब घर मेरे तुम आओ जहां लगता है तेरा पेहरा....
अब तुम मिल गए हो खुशियां ये मिल गई है,
सूखी हुई थी बगिया देखो ये खिल गई है,
तेरे दर पर मेरा यु ही लगता रहेगा डेरा,
कब घर मेरे तुम आओ जहां लगता है तेरा पेहरा....
तुमको ही मान अपना लकी है दर पे आया,
तेरी छवि को उसने हरपल दिल में बसाया,
तुम जो मुस्कुरा दो कटे सारा क्लेश मेरा,
कब घर मेरे तुम आओ जहां लगता है तेरा पेहरा....
Ly rics - lucky Shukla
श्रेणी : राधा रमण भजन

यह भजन "तुम राधा रमण हो मेरे, मैं दास हूं तेरा" एक अत्यंत भावपूर्ण और श्रद्धामय प्रस्तुति है, जिसे Lucky Shukla द्वारा लिखा गया है। यह भजन राधा रमण भगवान के प्रति भक्ति, समर्पण और प्रेम का अनुपम उदाहरण है। इसकी पंक्तियाँ भक्त के अंतर्मन से निकली हुई प्रतीत होती हैं, जिसमें एक सच्चे भक्त की पीड़ा, आशा और प्रभु के प्रति अटूट विश्वास झलकता है।
इस भजन की शुरुआत एक सुंदर दोहे से होती है – "भक्तआधीनं, दीनदयालं, राधारमणं हरे हरे..." जो प्रभु की करुणा, भक्ति पर उनकी निर्भरता और राधा रमण स्वरूप का गुणगान करता है। आगे की पंक्तियाँ सीधे हृदय को स्पर्श करती हैं – "तुम राधा रमण हो मेरे, मैं दास हूं तेरा," यह पंक्ति अपने आप में समर्पण का भाव समेटे हुए है।
भजन में यह भाव उभरकर आता है कि संसार से थक-हार कर जब कोई भक्त प्रभु की शरण में आता है, तब उसे वह दिव्य सुख और प्रेम प्राप्त होता है, जिसकी चाह हर मनुष्य को होती है। जब तक प्रभु नहीं मिले थे, तब तक जीवन निराशा से भरा था, और अब जब प्रभु मिल गए हैं, तो बगिया फिर से हरी-भरी हो गई है – यह पंक्तियाँ ईश्वर की उपस्थिति में जीवन के रूपांतरण को दर्शाती हैं।
"Lucky Shukla" ने इस भजन में शब्दों के माध्यम से एक ऐसा आध्यात्मिक वातावरण रचा है जिसमें भक्ति, भाव, वेदना और प्रेम सभी एक साथ बहते हैं। यह भजन न केवल एक गीत है, बल्कि यह भक्त और भगवान के बीच के प्रेमपूर्ण संवाद का सजीव चित्रण है। इसकी शैली सरल है लेकिन इसका प्रभाव गहरा है। यह भजन उन सभी के हृदय को छूता है जो अपने जीवन में भक्ति के भाव को अनुभव करना चाहते हैं।
निःसंदेह, यह रचना भजन प्रेमियों के लिए एक अद्भुत उपहार है, जो उन्हें प्रभु राधा रमण की शरण में समर्पण और सच्चे प्रेम का मार्ग दिखाती है।