उचेया पहाड़ा वाली मां
उच्चेआ पहाड़ा वाली माँ, हो... जदों तेरा बुलावा आवे नी अमिए
दिल दे तार हिलावे, मैनु बड़ा चंगा लगदा, मैनु बड़ा चंगा लगदा
चंगा लगदा मेरी माँ के सानु बड़ा चंगा लगदा
चंगा लगदा मेरी माँ के सानु बड़ा चंगा लगदा
उच्चेआ पहाड़ा वाली माँ, हो... जदों बच्च्ड़े चढ़न चड़ाइयाँ नी अमिए,
करदे नेक कमाईयां, मैनु बड़ा चंगा लगदा, मैनु बड़ा चंगा लगदा
चंगा लगदा मेरी माँ के सानु बड़ा चंगा लगदा
चंगा लगदा मेरी माँ के सानु बड़ा चंगा लगदा
उच्चेआ पहाड़ा वाली माँ, हो... जदों ठंडिआ चलन हवावां नी अमिए
कालिआं छान घटावां, मैनु बड़ा चंगा लगदा, मैनु बड़ा चंगा लगदा
उच्चेआ पहाड़ा वाली माँ, हो... जदों भेटां गान दुलारे,
अम्मिये बोलें तेरे जयकारे, मैनु बड़ा चंगा लगदा, मैनु बड़ा चंगा लगदा
उचेया पहाड़ा वाली मां हे हे
तेरे दर ते लगदे मेले नी अमिए, तेरे दर ते लगदे मेले
कंजक बन्न के तू खेले, मैनु बड़ा चंगा लगदा
उचेया पहाड़ा वाली मां हो हो
तेरे दर ते वजदे नगाड़े, अम्मिये दर ते वजदे नगाड़े
नच्दे चढ़दे सारे कि मैनु बड़ा चंगा लगदा ,
चंगा लगदा मेरी मां के मैनु बड़ा चंगा लगदा
श्रेणी : दुर्गा भजन
🙏उचेया पहाड़ा वाली मां🙏 जय मां नैना देवी जी🙏🌺🙏
यह भजन "उचेया पहाड़ा वाली मां" माता रानी की महिमा को बड़े ही भावनात्मक और भक्तिपूर्ण स्वर में प्रस्तुत करता है। यह भजन जय मां नैना देवी जी को समर्पित है, जो ऊँचे पहाड़ों पर विराजती हैं और जिनकी महिमा अनंत है। जब भी मां का बुलावा आता है, तो भक्तों का हृदय प्रेम और श्रद्धा से झूम उठता है — यही भाव इस भजन की पंक्तियों में बड़े ही सुंदर और सहज तरीके से व्यक्त किया गया है।
इस भजन में उस भाव को उजागर किया गया है कि जब भक्त मां के दरबार में पहुंचते हैं, तो उन्हें एक आत्मिक सुख की अनुभूति होती है। चाहे ठंडी हवाएं चलें, या पहाड़ी रास्तों की चढ़ाइयाँ हों, मां की कृपा से हर कठिनाई आसान लगती है। जब मां के द्वार पर मेले लगते हैं, और कंजक बनकर मां स्वयं खेलती हैं, तो वह दृश्य भक्तों को आनंदित कर देता है।
भजन में नगाड़ों की गूंज, जयकारों की आवाज़, और भक्तों का नृत्य — यह सब मिलकर मां नैना देवी के दरबार की भव्यता का चित्र खींचते हैं। यह भजन सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि मां के प्रति असीम प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है।
"उचेया पहाड़ा वाली मां" भजन उन भक्तों की आवाज़ है, जो मां के बुलावे पर किसी भी परिस्थिति में उनके दरबार में पहुंचते हैं। यह भजन मां दुर्गा की महिमा को सरल, मधुर और लोकभाषा में इस तरह प्रस्तुत करता है कि हर भक्त उससे सहज रूप से जुड़ जाए।