एक बार तो आ मोहन हम दरश के प्यासे हैं
एक बार तो आ मोहन, हम दरश के प्यासे हैं !
बरसो से तरस रहे, जन्मों के प्यासे हैं !!
मीरा को दरश दिया, सबरी को दरश दिया,
ओ मेरे मोहन, जिसको भी दिया तूने दरश,
याद करते हैं उसको, सब बरसो बरस,
याद करते हैं उसको, सब बरसो बरस,
मीरा को दरश दिया, सबरी को दरश दिया,
दोनों को दरश दिया, दोनों को तार दिया,
प्रभु हम को भी दे दो दरश, हम दरश के प्यासे हैं,
एक बार तो आ मोहन, हम दरश के प्यासे हैं,
ना धन ही हमें भाया, ना यश ही हमें भाया,
ओ मेरे मोहन, धन दौलत सब झूठी हैं माया,
सब कुछ छोड़ के, तेरे दर आया,
सब कुछ छोड़ के, तेरे दर आया,
ना धन ही हमें भाया, ना यश ही हमें भाया,
बस कीर्तन ही तेरा, मन को मेरे भाया,
भजनों के रसिया हैं, भजनों के प्यासे हैं,
एक बार तो आ मोहन, हम दरश के प्यासे हैं,
रिश्तो से प्यार किया, रिश्तो ने धोका दिया,
ओ मेरे मोहन, रिश्ते सभी ये झूठे हैं सारे,
हम हैं मोहन बस तेरे सहारे,
हम हैं मोहन बस तेरे सहारे,
रिश्तो से प्यार किया, रिश्तो ने धोका दिया,
जब प्रीत करी तुझसे, पल में तूने थाम लिया,
थोड़ा प्यार हमें कर लो, हम प्यार के प्यासे हैं,
एक बार तो आ मोहन, हम दरश के प्यासे हैं,
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
Voice - Jay Prakash Verma & Priya Verma, Indore
श्रेणी : कृष्ण भजन
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एक बार तो आ मोहन, हम दरश के प्यासे हैं" एक अत्यंत भावपूर्ण और हृदय को छू लेने वाला कृष्ण भजन है, जिसे जय प्रकाश वर्मा (इंदौर) द्वारा लिखा गया है और उन्हीं की आवाज़ में प्रिया वर्मा के साथ गाया गया है। यह भजन केवल शब्दों का मेल नहीं है, बल्कि एक भक्त की उस अंतरात्मा की पुकार है, जो वर्षों से प्रभु श्रीकृष्ण के दर्शन की अभिलाषा लिए उनके चरणों में समर्पित है। इस भजन की प्रत्येक पंक्ति उस विरह भाव को दर्शाती है जिसमें भक्त, मीरा और शबरी जैसे उदाहरणों को स्मरण करता है—जिन्हें श्रीहरि ने स्वयं दर्शन देकर कृतार्थ किया। भजन यह कहता है कि जीवन के सारे मोह-माया, रिश्ते-नाते, धन-दौलत सब व्यर्थ हैं; यदि कुछ शाश्वत है तो वह केवल प्रभु का नाम, उनका प्रेम और उनका दर्शन। जब जीवन ने साथ छोड़ा, जब संसार ने धोखा दिया, तब केवल मोहन का नाम ही सच्चा सहारा बना। यह भजन प्रेम और समर्पण की पराकाष्ठा है जो भगवान श्रीकृष्ण से बस एक बार दर्शन देने की विनती करता है। सच्चे भक्तों की भावना, कातर पुकार और भक्ति रस में डूबे शब्दों से सजा यह भजन, न केवल सुनने वाले को भाव-विभोर करता है, बल्कि प्रभु से जुड़ने की अद्भुत प्रेरणा भी देता है।
हर्षित जी आपका बहुत बहुत आभार।।
ReplyDeleteराधे राधे 🙏🙏,
जय प्रकाश वर्मा, इन्दौर