सावन का महीना और भोले का दरबार
सावन का महीना और भोले का दरबार,
कर लो शिव की भक्ति,
कर लो शिव की जय जयकार,
देवो में देव बड़ा, शिव हैं निराला,
देवो की खातिर पी गया, विष का प्याला,
देवो में देव बड़ा, शिव हैं निराला,
देवो की खातिर पी गया, विष का प्याला,
पीकर विष का प्याला, शिव ने बचा लिया संसार,
कर लो शिव की भक्ति,
कर लो शिव की जय जयकार,
सावन का महीना और भोले का दरबार,
कर लो शिव की भक्ति,
कर लो शिव की जय जयकार,
तीस दिनों का हैं ये, सावन का महीना,
तीस दिनों तक हमें, शिव की भक्ति करना,
तीस दिनों का हैं ये, सावन का महीना,
तीस दिनों तक हमें, शिव की भक्ति करना,
शिव की भक्ति से ही, होगा बेड़ा पार,
कर लो शिव की भक्ति,
कर लो शिव की जय जयकार,
सावन का महीना और भोले का दरबार,
कर लो शिव की भक्ति,
कर लो शिव की जय जयकार,
जल का लोटा भर के, शिव को चढ़ाओ,
शिव की भक्ति में, मन को लगाओ,
जल का लोटा भर के, शिव को चढ़ाओ,
शिव की भक्ति में, मन को लगाओ,
बेलपत्र और चन्दन से, करो शिव का श्रृंगार,
कर लो शिव की भक्ति,
कर लो शिव की जय जयकार,
सावन का महीना और भोले का दरबार,
कर लो शिव की भक्ति,
कर लो शिव की जय जयकार,
जो भी करेगा बाबा, शिव की भक्ति,
उसको मिलेगी,भवसागर से मुक्ति,
जो भी करेगा बाबा, शिव की भक्ति,
उसको मिलेगी,भवसागर से मुक्ति,
कर लो अपनी नय्या, भव से तुम पार,
कर लो शिव की भक्ति,
कर लो शिव की जय जयकार,
सावन का महीना और भोले का दरबार,
कर लो शिव की भक्ति,
कर लो शिव की जय जयकार,
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : शिव भजन
सावन का महीना और भोले का दरबार ।। शिव भजन 2025 ।। #shiv #shivbhajan #bholenath #bhole #shivshankar
"सावन का महीना और भोले का दरबार" — यह भजन एक अत्यंत भावनात्मक और भक्ति से परिपूर्ण रचना है, जिसे जय प्रकाश वर्मा (इंदौर) द्वारा लिखा गया है। यह भजन सावन के पावन महीने में भगवान शिव की महिमा का गुणगान करता है और भोलेनाथ के भक्तों को उनकी भक्ति में लीन होने का निमंत्रण देता है। भजन की शुरुआत सावन की सुंदरता और भोलेनाथ के दरबार की महिमा के साथ होती है, जहाँ भक्तों से शिव की जय-जयकार करने की प्रेरणा दी जाती है।
यह रचना न केवल शिव के रूप, उनके त्याग और तपस्या का बखान करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे उन्होंने देवताओं की रक्षा के लिए विष का प्याला पिया और संपूर्ण सृष्टि को संकट से उबारा। भजन में सावन के तीस दिनों को शिव भक्ति के लिए अत्यंत शुभ बताया गया है और भक्तों से आग्रह किया गया है कि वे इस पूरे महीने शिव की आराधना करें ताकि उनके जीवन की नैया भवसागर से पार लग सके।
भजन की पंक्तियाँ बहुत ही सरल, मधुर और गूढ़ अर्थों से परिपूर्ण हैं। "जल का लोटा भर के शिव को चढ़ाओ, शिव की भक्ति में मन को लगाओ" जैसी पंक्तियाँ भक्तों को प्रत्यक्ष रूप से भक्ति की ओर प्रेरित करती हैं। बेलपत्र, चन्दन और जल अर्पित कर भोलेनाथ को प्रसन्न करने की भावनात्मक अभिव्यक्ति इस भजन को और भी प्रभावशाली बना देती है।
अंत में भजन यह स्पष्ट संदेश देता है कि जो भी सच्चे मन से बाबा शिव की भक्ति करेगा, उसे निश्चित रूप से इस संसारिक बंधनों से मुक्ति प्राप्त होगी। यह भजन न सिर्फ एक गीत है, बल्कि एक भक्ति यात्रा है, जो श्रोताओं को शिव के सान्निध्य की अनुभूति कराता है। इसे सावन 2025 में शिवभक्तों के लिए विशेष रूप से साझा किया जा रहा है ताकि सभी भक्त इस पावन अवसर पर शिव की महिमा का आनंद लें और उनकी भक्ति में लीन हो जाएँ।
Harshit Sir,
ReplyDeleteThanks a Lot, for your support in my religious journey.