तेरी हो रही बले बले बले माँ शेरावालिए
तेरी हो रही बल्ले बल्ले,
तेरी, हो रही, बल्ले बल्ले,
बल्ले माँ, शेरोंवाली।
हम, कटरा, शहर को चले,
चले माँ, शेरोंवाली।
हर साल, दर, तेरे पे आऊँ,
दर, तेरे पे, चुनर चढ़ाऊँ।
हम, चुनरें, चढ़ा के चले,
चले माँ, शेरोंवाली।
तेरी, हो रही, बल्ले बल्ले...
बाणगंगा का, ठंडा पानी,
स्नान करती, थी महारानी।
हम, डुबकी, लगा के चले,
चले माँ, शेरोंवाली।
तेरी, हो रही, बल्ले बल्ले...
अर्धकुमारी, गुफा प्यारी,
करके दर्शन, वारूँ वारी।
हम, दर्शन, करके चले,
चले माँ, शेरोंवाली।
तेरी, हो रही, बल्ले बल्ले...
ध्वजा, नारियल, भेंट चढ़ाऊँ,
हलवा, पूरी का, भोग लगाऊँ।
हम, भोग, लगा के चले,
चले माँ, शेरोंवाली।
तेरी, हो रही, बल्ले बल्ले...
तीन पिंडियों का, रूप निराला,
दर्शन पाए, भाग्य वाला।
हम, दर्शन, पाकर चले,
चले माँ, शेरोंवाली।
तेरी, हो रही, बल्ले बल्ले...
अपलोडर - अनिलरामूर्ति, भोपाल
श्रेणी : दुर्गा भजन
#lyrics🌹तेरी हो रही बले बले,बले माँ शेरावालिए🌹teri hi rahi ble ble🌹@Ashusharma31🌹
तेरी हो रही बल्ले बल्ले, बल्ले माँ शेरोंवालीए" एक बेहद आनंदमयी और जोश से भरपूर दुर्गा भजन है, जो माँ वैष्णो देवी की यात्रा और श्रद्धा से जुड़े भावों को बड़े ही सुंदर और मनभावन अंदाज़ में प्रस्तुत करता है। इस भजन में भक्ति के साथ-साथ वह उत्साह और उमंग भी साफ झलकती है, जो हर भक्त के मन में माता के दरबार की यात्रा करते समय होता है।
भजन की शुरुआत ही "तेरी हो रही बल्ले बल्ले" जैसे उल्लासपूर्ण शब्दों से होती है, जो दर्शाते हैं कि माता रानी की कृपा बरस रही है और उनके भक्तों की झोली खुशियों से भर रही है। यह भजन खास तौर पर कटरा से वैष्णो देवी यात्रा के अनुभव को जीवंत करता है — बाणगंगा के जल से स्नान, अर्धकुमारी गुफा के दर्शन, ध्वजा और नारियल की भेंट, और तीन पिंडियों के दर्शन — हर चरण को भक्त की जुबानी बड़े ही भक्ति भाव से गाया गया है।
भजनकार ने माँ के प्रति अटूट श्रद्धा को बड़ी सादगी और उल्लास के साथ प्रस्तुत किया है। चुनर चढ़ाने से लेकर हलवा-पूरी का भोग लगाने तक, हर भक्त की भावना को इस भजन में सजीव किया गया है। इस भजन को गाते या सुनते समय जैसे श्रद्धालु खुद को वैष्णो देवी की चढ़ाई पर अनुभव करता है।