पर्दा ना कर पुजारी
पर्दा ना कर पुजारी, दिखने दे बांके बिहारी,
पर्दा ना कर पुजारी, दिखने दे बांके बिहारी,
मेरे पास वक्त कम हैं, और कहनी हैं बातें सारी,
पर्दा ना कर पुजारी, दिखने दे बांके बिहारी,
बड़ी दूर से हूँ आया, अर्जी इन्हे लगाने,
कुछ बातें अपने दिल की, आया इन्हे सुनाने,
बड़ी दूर से हूँ आया, अर्जी इन्हे लगाने,
कुछ बातें अपने दिल की, आया इन्हे सुनाने,
कब से खड़ा था पीछे, अब आई हैं मेरी बारी,
पर्दा ना कर पुजारी, दिखने दे बांके बिहारी,
मेरे पास वक्त कम हैं, और कहनी हैं बातें सारी,
मैं खुद नहीं हूँ आया, श्याम ने मुझे बुलाया,
कल रात को सपने में, आकर मुझे जगाया,
मैं खुद नहीं हूँ आया, श्याम ने मुझे बुलाया,
कल रात को सपने में, आकर मुझे जगाया,
बोले के दूंगा सब वो, जो भी इच्छा हो तुम्हारी,
पर्दा ना कर पुजारी, दिखने दे बांके बिहारी,
मेरे पास वक्त कम हैं, और कहनी हैं बातें सारी,
नजरे मिला के इनसे, कर लू मैं चंद बातें,
मेने सुना हैं सबसे, हारे को ये जीताते,
नजरे मिला के इनसे, कर लू मैं चंद बातें,
मेने सुना हैं सबसे, हारे को ये जीताते,
मुझको जीता दे कान्हा, आया शरण तुम्हारी,
पर्दा ना कर पुजारी, दिखने दे बांके बिहारी,
मेरे पास वक्त कम हैं, और कहनी हैं बातें सारी,
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : कृष्ण भजन
पर्दा ना कर पुजारी , दिखने दे बांके बिहारी ।। श्री बांके बिहारी जी का भजन ।। #krishna #bankebihari
“पर्दा ना कर पुजारी, दिखने दे बांके बिहारी” यह भजन भक्त की उस तड़प और लालसा को व्यक्त करता है, जब मनुष्य अपने आराध्य श्री बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए व्याकुल हो उठता है। दूर-दराज़ से आया हुआ भक्त जब मंदिर की चौखट पर खड़ा होता है, तो उसकी आँखों में केवल एक ही अभिलाषा रहती है – प्रभु के चरणों का पावन दर्शन।
इस भजन में गायक ने भावुक होकर पुजारी से विनती की है कि पर्दा हटाओ, ताकि मैं अपने बिहारी जी को निहार सकूँ। यह वह क्षण है जब भक्त अपनी सारी व्यथा, अपनी सारी मनोकामनाएँ प्रभु के चरणों में अर्पित करना चाहता है। उसे विश्वास है कि श्रीकृष्ण स्वयं सपनों में बुलाते हैं और हर हार चुके जीवन को जीत में बदल देते हैं।
भजन की पंक्तियाँ हृदय को इस तरह स्पर्श करती हैं कि लगता है जैसे स्वयं वृंदावन की गलियों में खड़े होकर बिहारी जी से नयन-मिलन कर रहे हों। यह भक्ति की पुकार है, यह विरह की वेदना है और यह समर्पण का अद्भुत भाव है।