झूठी दुनिया मे रहना दश्वार हो गया
झूठी दुनिया में रहना दुश्वार हो गया,
जब से बांके बिहारी जी से प्यार हो गया,
जब से बांके बिहारी जी से प्यार हो गया,
बांके बिहारी जी की मोटी मोटी अंखियां,
मोटी मोटी अंखियां कजरारी अखियां,
नैनो ही नैनों में इकरार हो गया,
जब से बांके बिहारी जी से प्यार हो गया,
बांके बिहारी जी की मीठी बांसुरिया,
मीठी बांसुरिया मीठी बांसुरिया,
मुरली का तराना दिल से पार हो गया,
जब से बांके बिहारी जी से प्यार हो गया,
बांके बिहारी जी का प्यारा वृंदावन,
प्यारा वृंदावन प्यारा वृंदावन,
वृंदावन मेरा घर द्वार हो गया,
जब से बांके बिहारी जी से प्यार हो गया,
चित्र विचित्र के तुम नयन तारे,
तुम में नैन तारे प्राणन से प्यारे,
पागल तुम्हारा संसार हो गया,
जब से बांके बिहारी जी से प्यार होगया,
झूठी दुनिया में रहना दुश्वार हो गया,
जब से बांके बिहारी जी से प्यार हो गया.....
श्रेणी : कृष्ण भजन
🙏 जय श्री कृष्णा👌 झूठी दुनिया में रहना दुशवार हो गया🌺 कृपा जरूर सुने🙏
यह भजन बांके बिहारी जी की अपार प्रेममयी लीला और उनके अद्भुत आकर्षण का भावपूर्ण चित्रण करता है। झूठी और छल से भरी इस संसारिक दुनिया में जब मनुष्य थक जाता है, तब उसके हृदय को केवल भगवान की भक्ति ही सच्चा सहारा देती है। श्री बांके बिहारी जी की कजरारी और मोहक आँखें जब भक्त के मन पर पड़ती हैं, तो जीवन का हर दुःख क्षणभर में मिट जाता है। उनकी मधुर बांसुरी की ध्वनि आत्मा को इतना छू लेती है कि भौतिक संसार का मोह फीका पड़ जाता है और केवल कृष्ण प्रेम ही शेष रह जाता है।
वृंदावन, जो स्वयं श्री बांके बिहारी जी का प्रिय धाम है, भक्त के लिए घर-द्वार से भी बढ़कर बन जाता है। हर गली, हर कुंज, हर मंदिर में भक्त को ऐसा अनुभव होता है मानो स्वयं प्रभु उसके साथ हैं। बांके बिहारी जी की सुंदर छवि, उनकी रसमयी मुरली और उनके चरणों की धूल, भक्त को संसार से विरक्त कर देती है और वह केवल कृष्णमय होकर रह जाता है।
यह भजन हमें यह सिखाता है कि सच्चा सुख और शांति इस झूठी दुनिया के मायाजाल में नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण के प्रेम और भक्ति में है। जो एक बार उनके प्रेम में पड़ गया, उसका जीवन पूरी तरह बदल जाता है—उसके लिए संसार के बंधन नगण्य हो जाते हैं और प्रभु का नाम ही सबसे बड़ा आधार बन जाता है।