हम हैं दीवाने तेरे तुम हो प्राणनाथ
( तर्ज - नफरत की दुनिया को )
हम हैं दीवाने तेरे तुम हो प्राणनाथ,
दर पे बुला लो भोलेनाथ,
जितने भी गम दोगे सहूँगा मैं हंसकर,
थामा है हाथो को बाबा ने ये कसकर,
मिला है बाबा मुझको तेरा साथ,
दर पे बुला लो भोलेनाथ .....
अंधेरी राहों में उजियारा तुम कर दो,
खाली है ये झोली बाबा इस भर दो,
तेरी ही चलते तो शिव बनी है मेरी बात,
दर पे बुला लो भोलेनाथ .....
हालात पर मेरे सब हंसी उड़ते है,
क्या दिया है भोले ने ताना सुनाते है,
लक्की को आस तेरी बाबा पूरा है विश्वास,
दर पे बुला लो भोलेनाथ .....
lyrics - lucky Shukla
श्रेणी : शिव भजन
यह भजन “हम हैं दीवाने तेरे तुम हो प्राणनाथ” भगवान भोलेनाथ को समर्पित एक अत्यंत भावपूर्ण और श्रद्धा से भरी रचना है, जिसे Lucky Shukla जी ने बड़े प्रेम और समर्पण भाव से लिखा है। यह भजन प्रसिद्ध तर्ज “नफरत की दुनिया को छोड़ के” पर आधारित है, जो इसे और भी मधुर और हृदयस्पर्शी बनाता है।
भजन की शुरुआत में भक्त अपने आराध्य शिव से कहता है — “हम हैं दीवाने तेरे, तुम हो प्राणनाथ, दर पे बुला लो भोलेनाथ।” इन शब्दों में एक सच्चे भक्त का सम्पूर्ण समर्पण झलकता है। वह अपने ईश्वर से केवल यही चाहता है कि उसे उनके दरबार में स्थान मिले, क्योंकि वही उसका सच्चा ठिकाना है।
Lucky Shukla जी ने इस भजन में भक्ति के साथ-साथ जीवन की सच्चाइयों को भी सुंदरता से पिरोया है। भक्त कहता है — “जितने भी गम दोगे, सहूँगा मैं हंसकर,” जो यह दिखाता है कि सच्चा भक्त अपने ईश्वर की इच्छा में ही आनंद देखता है। वह मानता है कि जब बाबा का साथ है, तो जीवन का हर दुःख छोटा पड़ जाता है।
भजन के दूसरे भाग में भक्त अपनी झोली खाली बताता है और बाबा से विनती करता है — “अंधेरी राहों में उजियारा तुम कर दो, खाली है ये झोली बाबा इस भर दो।” यह पंक्तियाँ आशा और विश्वास से भरी हुई हैं, जो दर्शाती हैं कि जब संसार से निराशा मिलती है, तब भगवान शिव का नाम ही सबसे बड़ा सहारा बनता है।
अंत में, Lucky Shukla जी की भावनाएँ अपने चरम पर पहुँचती हैं — “हालात पर मेरे सब हंसी उड़ते हैं, क्या दिया है भोले ने ताना सुनाते हैं।” पर फिर भी लक्की का विश्वास अटल है, वह कहता है — “लक्की को आस तेरी बाबा, पूरा है विश्वास।” यह पंक्ति भक्ति और विश्वास की सबसे सुंदर परिभाषा बन जाती है।
यह भजन एक सच्चे भक्त के समर्पण, धैर्य और अटूट विश्वास का प्रतीक है। Lucky Shukla जी की लेखनी में जो सादगी और आत्मिक भाव हैं, वे हर शिवभक्त के हृदय को छू जाते हैं। “हम हैं दीवाने तेरे तुम हो प्राणनाथ” केवल एक भजन नहीं, बल्कि भक्ति का अनुभव है — जहाँ हर शब्द भोलेनाथ की कृपा की गवाही देता है।