साथी मेरा सांवरा तो डरने की क्या बात
तर्ज - देना हो तो दीजिये जनम जनम का साथ
साथी मेरा सांवरा तो डरने की क्या बात - २
चाहे जितनी मुसीबत आये - २
वो देगा मेरा साथ,
साथी मेरा सांवरा तो डरने की क्या बात - २
सुना हैं मेने इसके दर पे सबकी किस्मत बनती हैं - २
इसके पास हैं ऐसी चाबी जिससे किस्मत खुलती हैं - २
मेरी किस्मत का भी ताला - २
खोलेगा वो आज,
साथी मेरा सांवरा तो डरने की क्या बात - २
सोप दिया मेने हाथ ये अपना, सांवरे के हाथ में - २
हाथ पकड़कर चल दिया में, सांवरे के साथ में - २
अब चाहे जो हो जाये - २
ना छोड़ू उसका हाथ,
साथी मेरा सांवरा तो डरने की क्या बात - २
जब से देखा सांवरे को, दिल में बसी हैं याद - २
उसने लगायी ऐसे मोहर, जिसकी मिटे ना छाप - २
चाहे मिट जाये ये जीवन - २
ना मिटेगी उसकी याद,
साथी मेरा सांवरा तो डरने की क्या बात - २
Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : कृष्ण भजन
यह भजन इंदौर के Jay Prakash Verma जी द्वारा रचा गया एक अत्यंत भावपूर्ण कृष्ण भजन है, जिसमें एक भक्त अपने सांवरे श्री कृष्ण को जीवन का सच्चा साथी मानकर पूर्ण विश्वास और समर्पण प्रकट करता है। पूरे भजन में भक्त का यही भाव झलकता है कि जब सांवरा साथ हो तो जीवन की किसी भी परेशानी, मुसीबत या विपत्ति से डरने की कोई आवश्यकता नहीं रहती, क्योंकि वही वह शक्ति है जो भाग्य की हर बंद तिजोरी को खोलने की चाबी रखती है। भक्त कहता है कि उसने अपना हाथ, अपना जीवन और अपना हर निर्णय सांवरे को सौंप दिया है, और अब चाहे कैसी भी परिस्थितियाँ क्यों न आ जाएँ, वह कृष्ण का हाथ कभी नहीं छोड़ेगा। सांवरे को देखने के क्षण से ही उसके हृदय में जो दिव्य छाप पड़ी है, वह जीवन समाप्त हो जाने पर भी मिट नहीं सकती। यह भजन भक्ति, आस्था, प्रेम और कृष्ण के प्रति अनुपम समर्पण का अद्भुत स्वरूप प्रस्तुत करता है, जिसके हर शब्द में भगवान को साथी, संरक्षक और मार्गदर्शक मानने की अनूठी भावना छलकती है।