श्याम दीनानाथ कहलवाना छोड़ | shyam dinanath kahana chhod do

श्याम दीनानाथ कहलवाना छोड़



श्याम दीनानाथ कहलवाना छोड़,
दिनो से अगर तुम्हें प्यार नहीं है,
श्याम दीनानाथ कहलवाना छोड़,
दिनो से अगर तुम्हें प्यार नहीं है,

दिनो से अगर तुम्हें प्यार नहीं है,
दिनो से अगर तुम्हें प्यार नहीं है,
दिनों से अगर दरकार नहीं है

श्याम दीनानाथ कहलवाना छोड़,
दिनो से अगर तुम्हें प्यार नहीं है,
दिनो से अगर तुम्हें प्यार नहीं है,

(श्याम दीनानाथ कहलवाना छोड़,
दिनो से अगर तुम्हें प्यार नहीं है,
श्याम दीनानाथ कहलवाना छोड़,
दिनो से अगर तुम्हें प्यार नहीं है,)....x2

अगर दुख हमारा सुनना ना चाहो,
तुम्हें क्यों सुनाएंगे दुखड़े हमारे,
रोएंगे नहीं तुम्हारे सामने,
क्यू.. मेरे ये आंसू बेकार नहीं है,

रोएंगे नहीं तुम्हारे सामने,
मेरे ये आंसू बेकार नहीं है,

कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के होते,
कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के होते,
कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के रहते,
कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के रहते,

आंधी के चलते अटकी या तूफान आंधी के चलते,
आंधी के चलते अटकी या तूफान आंधी के चलते,

कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के रहते,
कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के रहते,
आंधी के चलते अटकी या तूफान आंधी के चलते,
आंधी के चलते अटकी या तूफान आंधी के चलते,

क्या ठेका छोड़ दिया तूने पार लगाने का,
क्या ठेका छोड़ दिया तूने पार लगाने का,
या तरीका भूल गए पतवार चलाने का,
या तरीका भूल गए पतवार चलाने का,

या समय नहीं मिलता है आराम के चलते,
क्या समय नहीं मिलता है आराम के चलते,

कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के रहते,
कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के रहते,
आंधी के चलते अटकी या तूफान आंधी के चलते,
आंधी के चलते अटकी या तूफान आंधी के चलते,

दरबार हजारों है सरकार हजारों है,
दरबार हजारों है सरकार हजारों है,
तकलीफ में रहते परिवार हजारों है,
तकलीफ में रहते परिवार हजारों है,

(अगर ये लाइन लग जाए दिल के आर पार
तो लिखने वाले के लिए तालियां भी हो बेशुमार,)

दरबार हजारों है सरकार हजारों है,
तकलीफ में रहते परिवार हजारों है,
यह काम तुम्हें सौंपा है,
यह काम तुम्हें सौंपा है तेरे नाम के चलते,

कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के रहते,
कैसे अटकी नैया मेरे श्याम के रहते,
आंधी के चलते अटकी या तूफान आंधी के चलते,
आंधी के चलते अटकी या तूफान आंधी के चलते,

चलते अंत में बड़ी नायाब बात लिखी है लिखने वाले ने,
भक्त ने कहा बनवारी चाहो तो वादे से फिर जाओ,
बनवारी चाहो तो वादे से फिर जाओ,
बनवारी चाहो तो वादे से फिर जाओ,

बनवारी इच्छा हो तो वादे से फिर जाओ,
बनवारी इच्छा हो तो वादे से फिर जाओ,

लेकिन बाबा...
आपके रहते अगर मेरी नैया डूबर रही है,
तो एक छोटा सा एहसान कर दो,
डूबे उससे पहले नैया से उतर जाओ,
डूबे उससे पहले नैया से उतर जाओ,

(बाबा ने बोला पूरी दुनिया कह रही है,
नैया पर चढ़ जाओ, तू कह रहा है नैया से उतर जाओ,)

ऐसा क्यों....
तो भक्त ने कहा....
अरे क्यों नाम पे दाग लगाए इस नादान के चलते
क्यों नाम पे दाग लगाए इस नादान के चलते,



श्रेणी : खाटू श्याम भजन



shyam dinanath kahana chhod do | श्याम दीनानाथ कहलवाना छोड़ | Shubham Rupam | new shyam Bhajan 2025

यह खाटू श्याम भजन भक्त और प्रभु के बीच के भावनात्मक संवाद को बहुत ही प्रभावशाली और तर्कपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करता है। “श्याम दीनानाथ कहलवाना छोड़” भजन में भक्त अपने दुःख, पीड़ा और प्रश्नों को सीधे श्याम बाबा के चरणों में रख देता है। भजन का भाव अत्यंत गहरा है—यदि प्रभु सच में दीनों के नाथ हैं तो फिर भक्त की अटकी हुई नैया क्यों नहीं पार लग रही। इसमें शिकायत नहीं, बल्कि अधिकार भरा प्रेम और विश्वास झलकता है। भजन यह संदेश देता है कि श्याम बाबा की पहचान ही दीन-दुखियों को सहारा देना है। यह भजन गायक शुभम रूपम की भावपूर्ण प्रस्तुति में और भी प्रभावशाली बन जाता है, जबकि इसके बोल लोकभावना से जुड़े प्रतीत होते हैं। संपूर्ण भजन शरणागति, प्रश्न, आस्था और अंततः प्रभु की महिमा को दर्शाता है, जो श्रोता के मन को भीतर तक छू जाता है।

Harshit Jain

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