मेरी सुन लो मारुती नंदन
मेरी सुन लो मारुती नंदन, काटो मेरे दुःख के बंधन,
हे महाबीर बजरंगी, तुम्हे कहते है दुःख भंजन ।
मुझ पर भी करुणा करना मैं आया शरण तिहारी,
मैं जोड़े हाँथ खड़ा हूँ तेरे दर का बना भिखारी ।
तुम सबसे बड़े भंडारी मैं पानी तुम हो चन्दन,
हे महाबीर बजरंगी तुम्हे कहते है दुःख भंजन ॥
तेरा नाम बड़ा दुनिया में, सब तेरा ही गुण गए,
इस जग के सब नर नारी चरणों में शीश नवाये ।
करो भाव से पार मुझे भी, हे बाबा संकट मोचन,
हे महाबीर बजरंगी तुम्हे कहते है दुःख भंजन ॥
मैंने तेरी आश लगायी, बाबा हनुमान गोसाई,
जब भीड़ पड़ी भक्तो पे तूने ही करी सहाई ।
भक्तो ने करी दुहाई प्रभु दीजो मोहे दर्शन,
हे महाबीर बजरंगी तुम्हे कहते है दुःख भंजन ॥
श्रेणी : हनुमान भजन
MERI SUN LO MARUTI NANDAN FAMOUS HANUMAN BHAJAN
"मेरी सुन लो मारुति नंदन" — यह भजन हनुमान जी की करुणा, कृपा और संकटमोचन रूप की मार्मिक प्रार्थना है, जो एक भक्त के हृदय से निकले करुण पुकार की तरह लगता है। भजनकार ने अत्यंत भावभीनी शैली में हनुमान जी को पुकारा है, जैसे कोई शरणागत अपने दुखों से थक हारकर प्रभु के दर पर आ बैठा हो।
हर पंक्ति में एक साधारण इंसान की पीड़ा, विश्वास और आस झलकती है। “हे महाबीर बजरंगी, तुम्हे कहते हैं दुख भंजन” — यह पंक्ति कई बार दोहराई गई है, जो इस बात का स्मरण दिलाती है कि जब कोई भी रास्ता नहीं बचता, तब हनुमान जी की शरण ही एकमात्र सहारा होती है।
भजन में “मैं जोड़े हाथ खड़ा हूँ तेरे दर का बना भिखारी” जैसी पंक्तियाँ, भक्त के आत्मसमर्पण को दर्शाती हैं, जहाँ वह स्वयं को प्रभु की शरण में पूर्णतः समर्पित कर चुका है। साथ ही, “तुम सबसे बड़े भंडारी, मैं पानी तुम हो चंदन” जैसे उपमाएं, हनुमान जी की महानता और भक्त की विनम्रता को अत्यंत सुंदरता से व्यक्त करती हैं।
यह भजन सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं है, बल्कि यह एक जीवंत संवाद है भक्त और भगवान के बीच। इसमें वह गहराई है जो सीधे दिल में उतरती है और श्रद्धा को जागृत कर देती है।
इस भजन का संगीत और भाव मिलकर एक ऐसा वातावरण रचते हैं जहाँ मन भक्ति रस में डूब जाता है और आत्मा को शांति मिलती है। यह भजन उन सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनता है जो कठिनाई के समय में हनुमान जी की कृपा की प्रतीक्षा करते हैं।