श्री विष्णु चालीसा लिरिक्स Shri Vishnu Chalisa Lyrics-|-Shri Vishnu Chalisa in Hindi

श्री विष्णु चालीसा



|| दोहा ||

विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय।

|| चौपाई ||

नमो विष्णु भगवान खरारी।
कष्ट नशावन अखिल बिहारी॥

प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी।
त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥

सुन्दर रूप मनोहर सूरत।
सरल स्वभाव मोहनी मूरत॥

तन पर पीतांबर अति सोहत।
बैजन्ती माला मन मोहत॥
शंख चक्र कर गदा बिराजे।
देखत दैत्य असुर दल भाजे॥

सत्य धर्म मद लोभ न गाजे।
काम क्रोध मद लोभ न छाजे॥

संतभक्त सज्जन मनरंजन।
दनुज असुर दुष्टन दल गंजन॥

सुख उपजाय कष्ट सब भंजन।
दोष मिटाय करत जन सज्जन॥

पाप काट भव सिंधु उतारण।
कष्ट नाशकर भक्त उबारण॥

करत अनेक रूप प्रभु धारण।
केवल आप भक्ति के कारण॥

धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा।
तब तुम रूप राम का धारा॥

भार उतार असुर दल मारा।
रावण आदिक को संहारा॥

आप वराह रूप बनाया।
हरण्याक्ष को मार गिराया॥

धर मत्स्य तन सिंधु बनाया।
चौदह रतनन को निकलाया॥

अमिलख असुरन द्वंद मचाया।
रूप मोहनी आप दिखाया॥

देवन को अमृत पान कराया।
असुरन को छवि से बहलाया॥

कूर्म रूप धर सिंधु मझाया।
मंद्राचल गिरि तुरत उठाया॥

शंकर का तुम फन्द छुड़ाया।
भस्मासुर को रूप दिखाया॥

वेदन को जब असुर डुबाया।
कर प्रबंध उन्हें ढूँढवाया॥

मोहित बनकर खलहि नचाया।
उसही कर से भस्म कराया॥

असुर जलंधर अति बलदाई।
शंकर से उन कीन्ह लडाई॥

हार पार शिव सकल बनाई।
कीन सती से छल खल जाई॥

सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी।
बतलाई सब विपत कहानी॥

तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी।
वृन्दा की सब सुरति भुलानी॥

देखत तीन दनुज शैतानी।
वृन्दा आय तुम्हें लपटानी॥

हो स्पर्श धर्म क्षति मानी।
हना असुर उर शिव शैतानी॥

तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे।
हिरणाकुश आदिक खल मारे॥

गणिका और अजामिल तारे।
बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे॥

हरहु सकल संताप हमारे।
कृपा करहु हरि सिरजन हारे॥

देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे।
दीन बन्धु भक्तन हितकारे॥

चहत आपका सेवक दर्शन।
करहु दया अपनी मधुसूदन॥

जानूं नहीं योग्य जप पूजन।
होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन॥

शीलदया सन्तोष सुलक्षण।
विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण॥

करहुं आपका किस विधि पूजन।
कुमति विलोक होत दुख भीषण॥

करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण।
कौन भांति मैं करहु समर्पण॥

सुर मुनि करत सदा सेवकाई।
हर्षित रहत परम गति पाई॥

दीन दुखिन पर सदा सहाई।
निज जन जान लेव अपनाई॥

पाप दोष संताप नशाओ।
भव-बंधन से मुक्त कराओ॥

सुख संपत्ति दे सुख उपजाओ।
निज चरनन का दास बनाओ॥

निगम सदा ये विनय सुनावै।
पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै॥



श्रेणी : विष्णु भजन



श्री विष्णु चालीसा | Shree Vishnu Chalisa | ANURADHA PAUDWAL, Full HD Video Song, Shree Vishnu Stuti

श्री विष्णु चालीसा लिरिक्स, vishnu chalisa english lyrics, lord vishnu chalisa in english, vishnu chalisa english translation, lord vishnu chalisa, vishnu chalisa in english, vishnu sahasranamam lyrics in english easy, vishnu sahasranamam lyrics english, vishnu sahasranamam lyrics in english for beginners, vishnu sahasranamam lyrics english ms subbulakshmi, sri vishnu sahasranamam english pdf, fast vishnu chalisa, vishnu sahasranamam lyrics in gujarati pdf, vishnu aarti lyrics in english, jet vishnu sahasranamam, lyrics for vishnu sahasranamam in english, krishna chalisa lyrics english, vishnu sahasranamam lyrics pdf english, vishnu sahasranamam lyrics pdf hindi, vishnu sahasranamam lyrics pdf in telugu, sri vishnu sahasranamam without ads, shri vishnu sahasranamam,

Harshit Jain

आपका स्वागत है "Yt Krishna Bhakti" में, जहां आपको भगवान से जुड़ी जानकारी, मधुर भजन, इतिहास और मंत्रों का अद्भुत संग्रह मिलेगा। मेरा नाम "Harshit Jain" है, और इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको भगवान के भजन, उनके इतिहास, और उनके मंत्रों के बोल उपलब्ध कराना है। यहां आप अपने पसंदीदा भजनों और गायक के अनुसार भजन खोज सकते हैं, और हर प्रकार की धार्मिक सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। आओ, इस भक्ति यात्रा में हमारे साथ जुड़े और भगवान के नाम का जाप करें।

🎯 टिप्पणी दें

आपको भजन कैसा लगा हमे कॉमेंट करे। और आप अपने भजनों को हम तक भी भेज सकते है। 🚩 जय श्री राम 🚩

Previous Post Next Post