जादू भरी है 13 सीढ़ियां
मेरे श्याम जी की, खाटू धाम जी की,
बड़ी जादू भरी है 13 सीढ़ियां ।।
पहली सीढी पर जब पांव पड़ता
शीश बाबा के चरणों में झुकता
दूसरी सीढी पर जब पांव पड़ता
नाम बाबा का मुख से निकलता
तीसरी सीढ़ी चढ़कर उनके बंधन खुलते,
पाप कर्मों की कट जाती बेड़ियां ।।
मेरे श्याम जी की, खाटू धाम जी की,
बड़ी जादू भरी है 13 सीढ़ियां ।।
चौथी सीढी पर जब पांव पड़ता
तार भक्ति का बाबा से जुड़ता
पांचवी सीढी पर जब पांव पड़ता
दीप हृदय में भक्ति का जलता
छठी सीढी चड़के, फूल मन के खिलते
जलने लगती है यज्ञों सी बेड़ियां ।।
मेरे श्याम जी की, खाटू धाम जी की,
बड़ी जादू भरी है 13 सीढ़ियां ।।
सातवीं सीढी पर जब पांव पड़ता
प्यासी अंखियों को दीदार मिलता
आठवीं सीढी पर जब पांव पड़ता
सुन के जय कारे अंग अंग झूमता
नवमी सीढी चड़के, बादल उनके छठ दे,
तृप्त हो जाती मन की इंद्रियां ।।
मेरे श्याम जी की, खाटू धाम जी की,
बड़ी जादू भरी है 13 सीढ़ियां ।।
दसवीं सीढी पर जब पांव पड़ता
मैं मेरी का अभिमान मरता
11वीं सीढी पर जब पांव पड़ता
पाप संताप जन्मों का मिटता
बाकी सीढ़ी चड़दे, और मचाते भर दे
और दिखने लगती है, स्वर्ग जैसी सीढ़ियां ।।
मेरे श्याम जी की, खाटू धाम जी की,
बड़ी जादू भरी है 13 सीढ़ियां ।।
13वीं सीढी पर जब पांव पड़ता
दिल बाबा से फरियाद करता
यूं ही रखना तुम कृपा बना के
सबको रखना चरणों में लगा के
गाए भक्ति नरेश काटो सबके क्लेश
राजा रानी की तारों सातों पीढ़ियां ।।
मेरे श्याम जी की, खाटू धाम जी की,
बड़ी जादू भरी है 13 सीढ़ियां ।।
श्रेणी : खाटु श्याम भजन