हनुमत बोले माता सुन लो
( हनुमान - भजन )
तर्ज - हनुमत से बोली यु माता क्यों मुख मुझे दिखाया है
हनुमत बोले माता सुन लो,
सुन लो माँ तुम मेरी पुकार ...x2
याद वो करते तुमको माता,
यह दर्द प्रभु से ना सहा जाता,
एक बार मैया कर दो इशारा प्रभु करते ये इंतजार,
हनुमत बोले माता सुन लो सुन लो माँ तुम मेरी पुकार,
एक दहाड़ में जोर से मारूं,
रावण की बगिया को उजाडु,
कर दूं ऐसा हाल में इनका पड़े जाके काल के द्वार,
हनुमत बोले माता सुन लो सुन लो माँ तुम मेरी पुकार,
रावण का अभियान में तोडूंगा,
लंका को मैं राख कर छोडूंगा,
कर दूंगा मैं हाल ये इनका मचेगा इनमें हा - हा कार,
हनुमत बोले माता सुन लो सुन लो माँ तुम मेरी पुकार,
राम नाम की शक्ति है ये,
राम नाम की भक्ति है,
लिख रहा हूं जो कथा प्रभु की,
बातें वो सारी सच्ची है,
लकी बोले दृश्स दिखाओ मेरे प्यारे सरकार,
हनुमत बोले माता सुन लो सुन लो माँ तुम मेरी पुकार,
Lyri cs - lucky Shukla
श्रेणी : हनुमान भजन

यह "हनुमान भजन" एक अत्यंत जोशीला और भक्ति भाव से ओतप्रोत रचना है, जिसे लकी शुक्ला जी ने अपनी भावनाओं से सजाया है। 'हनुमत से बोली यु माता' की तर्ज पर लिखा गया यह भजन वीरता, भक्ति और समर्पण का अनुपम संगम है। भजन में भक्त हनुमान जी की उस पुकार को व्यक्त किया गया है, जब वे माता से निवेदन करते हैं कि वे उनकी पुकार सुनें और उन भक्तों की पीड़ा को समझें, जो प्रभु श्रीराम के चरणों में अपनी समस्याओं के समाधान की आशा लगाए बैठे हैं।
भजन में हनुमान जी के अद्भुत बल का चित्रण भी अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया गया है — वे रावण की बगिया उजाड़ने, लंका को राख करने और दुष्टों का विनाश करने के लिए एक ही दहाड़ में तत्पर हैं। हर पंक्ति में श्रीराम नाम की शक्ति और हनुमान जी की अडिग भक्ति का बखान है, जो श्रोताओं के भीतर एक अदम्य उत्साह और श्रद्धा की भावना जगा देता है। अंत में, लकी शुक्ला जी ने अपनी प्रार्थना के माध्यम से प्रभु के दिव्य दर्शन की विनती भी की है, जो भजन को और भी अधिक भावपूर्ण बना देती है।
"हनुमान भजन" न केवल वीर रस से भरपूर है, बल्कि इसमें भक्त और भगवान के बीच के उस गहरे संबंध को भी उकेरा गया है, जो सच्ची श्रद्धा और प्रेम से उत्पन्न होता है। यह भजन निश्चित ही हनुमान भक्तों के हृदय में जोश और आस्था का संचार करने वाला है।