उज्जैन नगरीया बुला ले बाबा
( महाकाल - भजन )
तर्ज - नौकर रख ले सांवरे हमको भी एक बार
उज्जैन नगरीया बुला ले बाबा ओ मेरे महाकाल,
बस ऐसे दर्शन देना खुशी से बीते सारा साल,
तेरी नगरिया में मेरे बाबा मन मेरा तो लगता है,
तेरे भरोसे ही मेरे बाबा परिवार मेरा पलता है,
बस कृपा ऐसी करना मेरा जीवन हो खुश हाल,
बस ऐसे दर्शन देना खुशी से बीते सारा साल,
तेरे द्वार पर आकर मैं तो डेरा लगा कर बैठा हूं,
सुन लो बाबा मेरी बातें आखिर मैं तेरा तो बेटा हूं,
फिर ऐसे तो मुस्कुराना कटे माया के जंजाल,
बस ऐसे दर्शन देना खुशी से बीते सारा साल,
एक तेरी झलक पाने को दुनिया सारी तरसती है,
तेरी याद में मेरी अखियां पल- पल कितनी बरसती है,
कुछ ऐसा करिश्मा करना लकी हो मालामाल,
बस ऐसे दर्शन देना खुशी से बीते सारा साल,
Lyri cs - lucky Shukla
श्रेणी : शिव भजन

यह भजन "उज्जैन नगरीया बुला ले बाबा" एक अत्यंत भावपूर्ण और भक्तिपूर्ण रचना है, जो महाकाल बाबा की महिमा का अद्भुत वर्णन करती है। इस भजन में भक्ति की गहरी भावना झलकती है, जिसमें भक्त अपने इष्ट महाकाल से निवेदन करता है कि उसे उज्जैन नगरी बुला लें और दर्शन का ऐसा वरदान दें कि पूरा जीवन आनंद और खुशियों से भर जाए।
भजन के प्रत्येक शब्द में श्रद्धा और समर्पण की गहराई है। इसमें उज्जैन नगरी के प्रति अपार आकर्षण और महाकाल बाबा के चरणों में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया गया है। रचना में भक्त महाकाल से विनती करता है कि जैसे उनका आशीर्वाद परिवार का पालन कर रहा है, वैसे ही जीवनभर कृपा बनी रहे। भावनाओं की गहराई तब और बढ़ जाती है जब भक्त अपने आपको बाबा का बेटा बताते हुए दरबार में डेरा जमाने की बात करता है।
"उज्जैन नगरीया बुला ले बाबा" भजन की तर्ज "नौकर रख ले सांवरे हमको भी एक बार" पर आधारित है, जो इसकी मिठास और गेयता को और बढ़ा देती है। इसमें दुनिया की माया से मुक्ति की कामना और बाबा की एक झलक पाने की तड़प को बड़ी सुंदरता से पिरोया गया है।
इस सुंदर भजन के रचयिता लकी शुक्ला जी हैं, जिन्होंने अपने शब्दों में भक्ति की भावनाओं को इतनी सुंदरता से उकेरा है कि सुनने और गाने वाला हर भक्त अपने आप को इस भजन से जुड़ा हुआ महसूस करता है। उनका लेखन न सिर्फ शब्दों का संकलन है, बल्कि हृदय से निकली पुकार है, जो सीधे महाकाल बाबा के चरणों तक पहुँचती है।