हैप्पी बर्थडे श्याम मेरी जान
तू है मेरा चांद और सूरज तू मेरा भगवान है,
तुझे हैप्पी बर्थडे श्याम,श्याम तू मेरी जान है,
तेरे माता-पिता को बधाई बधाई खाटू धाम को,
नीले जोशीले को बधाई बधाई तीनों बाण को,
रींगस तोरन को बधाई जिसकी ऊंची शान है,
तुझे हैप्पी बर्थडे श्याम,श्याम तू मेरी जान है,
एक साथ हों चाहे उत्सव होली और दीवाली,
तेरे जन्म का उत्सव होता श्याम सब से भारी,
इस अजब नज़ारे की होती गज़ब पहचान है,
तुझे हैप्पी बर्थडे श्याम,श्याम तू मेरी जान है,
तुझे देने को श्याम बधाई आए हैं तेरे लाडले,
तेरी मस्ती में ऐसे डूबे कि हो गए सभी बावरे,
हो गया कंवल तन मन से तो तेरा गुलाम है,
तुझे हैप्पी बर्थडे श्याम,श्याम तू मेरी जान है,
श्रेणी : खाटू श्याम भजन

"हैप्पी बर्थडे श्याम मेरी जान" एक बेहद प्यारा, नवीन और भावनात्मक भजन है जो खाटू श्याम जी के जन्मोत्सव के उल्लास को दर्शाता है। यह रचना श्याम के प्रति गहरे प्रेम, अपनापन और समर्पण की भावना से भरी हुई है। इस भजन में भक्त श्याम बाबा को केवल भगवान नहीं, बल्कि अपना चाँद, सूरज, और "जान" तक कह कर संबोधित करता है — जो भक्ति को एक व्यक्तिगत और अंतरंग स्वरूप देता है।
भजन की शुरुआत ही एक मधुर प्रेम-पंक्ति से होती है — "तू है मेरा चांद और सूरज तू मेरा भगवान है," — जो दर्शाता है कि श्याम बाबा भक्तों के जीवन का हर उजाला हैं। जन्मदिन की बधाइयों में केवल भगवान ही नहीं, बल्कि उनके धाम, उनके प्रतीकों और उनके स्थानों को भी श्रद्धा और प्रेमपूर्वक शामिल किया गया है — खाटू धाम, तीनों बाण, रींगस तोरण — ये सब दर्शाते हैं कि भक्त का प्रेम केवल देवता से नहीं बल्कि उनके सम्पूर्ण अस्तित्व से है।
भजन का सबसे आकर्षक पक्ष यह है कि इसमें जन्मोत्सव को होली और दीवाली जैसे त्यौहारों से भी बड़ा बताया गया है। यह बताता है कि श्याम के जन्म का पर्व भक्तों के लिए सबसे महान होता है। भक्त श्याम के जन्मदिवस पर बधाइयों की वर्षा करते हैं, नाचते-गाते हैं, और पूरी तरह उनकी भक्ति में खो जाते हैं।
लास्ट अंतरे में जिस तरह "कंवल तन मन से तो तेरा गुलाम है" जैसी पंक्ति आती है, वह भक्ति को पूर्ण समर्पण में बदल देती है।
यह भजन आज के युग की नई पीढ़ी को ध्यान में रखकर लिखा गया है, जिसमें श्याम से प्रेम एक मित्र, एक प्रियतम, और एक देवता तीनों रूपों में उभरता है। यह रचना निश्चित ही श्याम जन्मोत्सव के अवसरों पर विशेष रूप से गाई जाती है और हर भक्त के मन को आनंद और भक्ति से भर देती है।