सांवरा दे दे काली गाड़ी
( तर्ज - दर्जी सीमदे निशान मनै खाटू जाणो सै )
सांवरा दे दे काली गाड़ी मन्न मंडफिया आना है,
मंदिर आकर सावरा मुझको शीश झुकाना है,
सपना माही सोचे दुनिया वाही गाड़ी दे दे,
आकर मेरे सांवरिया ने मन की बाता कह दे,
जगत सेठ से मन्न भी एक काम करवाना है,
सांवरा दे दे काली गाड़ी मन्न मंडफिया आना है,
एक कोठी बना दे सांवरा उ म आप विराजे,
घर वाला कर तेरी चाकरी जिस कोने साजे,
गठजोड़ से मन्न ने भी जात लगाना है,
सांवरा दे दे काली गाड़ी मन्न मंडफिया आना है,
लकी भगत सावरा तेरो रोज शरण में आवे,
दुनिया पूछा इतनो धन तू कौन स बैंक लावे,
मंडफिया वाला सेठ का मन्न प्यार पाना है,
सांवरा दे दे काली गाड़ी मन्न मंडफिया आना है,
Lyr ics - lucky Shukla
श्रेणी : खाटू श्याम भजन

यह भजन "सांवरा दे दे काली गाड़ी मन्न मंडफिया आना है" प्रसिद्ध भजनकार लकी शुक्ला द्वारा लिखा गया एक मनोरंजक और भावनाओं से भरपूर खाटू श्याम भजन है। इसकी तर्ज लोकप्रिय राजस्थानी लोकगीत "दर्जी सीमदे निशान मन्नै खाटू जाणो सै" पर आधारित है, जो इसकी सादगी और दिल को छू लेने वाली भाव-भंगिमा को और भी सशक्त बनाता है।
भजन की शुरुआत एक विनम्र मगर चुलबुले भाव से होती है जहाँ भक्त श्याम बाबा से अपने लिए काली गाड़ी की मांग करता है, ताकि वह मंडफिया (खाटू नगरी) में आ सके और बाबा के दरबार में शीश झुका सके। यह पंक्ति सीधे दिल को छूती है क्योंकि यह दर्शाती है कि भले ही भक्त सांसारिक वस्तु माँग रहा हो, उसका उद्देश्य तो केवल श्याम के दर्शन और सेवा है।
दूसरे अंतरे में वह अपने मन की बात बाबा के आगे खोलता है — वह कहता है कि जैसे सपनों में वह गाड़ी देखता है, वैसी गाड़ी बाबा उसे दे दें। वह बाबा से कहता है कि वह जगत सेठ है, और उसे एक "काम" करके दिखाना है, जिससे यह सिद्ध हो जाए कि उसका प्रेम और आस्था सच्ची है।
तीसरे अंतरे में एक और मनोकामना प्रकट की गई है — एक सुंदर कोठी जिसमें बाबा स्वयं विराजमान हों। यह कोठी कोई सामान्य घर नहीं, बल्कि वह स्थान है जहाँ बाबा का निवास हो। भक्त कहता है कि वह स्वयं उस घर में बाबा की चाकरी करेगा। यह भक्त की सेवा भावना और पूर्ण समर्पण को दर्शाता है।
अंतिम अंतरे में लकी शुक्ला अपने दिल की बात कह देते हैं — वे रोज़ाना बाबा की शरण में आते हैं, और लोग उनसे पूछते हैं कि इतना धन कहां से लाते हो। तब वह मुस्कुरा कर कहता है कि जब मंडफिया वाला सेठ (श्याम) साथ हो, तो सब कुछ संभव है।
इस भजन में भक्ति के साथ-साथ एक हर्ष और हास्य का सुंदर मेल है, जो इसे आम भक्तों के लिए अत्यंत relatable और प्यारा बनाता है। इसमें श्याम बाबा के प्रति भक्ति, प्रेम, विश्वास और हास्य से भरी याचना को बड़ी ही खूबसूरती से पिरोया गया है।