तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों,
जिन देखकर मारो बाबा मनडो यों भर आयों,
पहली पीढ़ी चढ़ाने आया श्याम श्याम है गायो,
दूजी पीढ़ी पर मेरा बाबा हाथ पकड़ ले आयो,
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों....
तीजी पीढ़ी के पास पहुंचता ही भगता सारा मिलेगा,
चौथी पीढ़ी पर मैं सोचूं भाग्य मेरा तो खिलगा,
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों....
पांचवीं पीढ़ी थारी बाबा मन मेरे या भागी,
छठी पीढ़ी पर मेरो बाबा बनता है सहभागी,
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों....
सातवीं पीढ़ी पर मेरे बाबा सात जन्म सफल हो जावे,
आठवीं पीढ़ी पर भक्तों मंदिर की घंटी सुन जावे,
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों....
नवी पीढ़ी पर ओ मेरे बाबा नौलखा वारे,
दसवीं पीढ़ी चढ़ता ही तो काल भी है टारे,
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों...
ग्यारवी पीढ़ी पर मेरा बाबा धन भंडारा भर दे,
बारवी पीढ़ी पहुंचता ही प्यारो सुख संपत्ति कर दे,
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों..
तेरवी पीढ़ी पर जब आख्या बाबा से टकराव है,
हंसकर मारो बाबो श्याम लकी ने गले लगाव है,
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों..
Lyri cs - lucky Shukla
श्रेणी : खाटू श्याम भजन

यह भजन "तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों" अत्यंत भावपूर्ण और श्रद्धा से ओतप्रोत रचना है, जो खाटू श्याम बाबा के अद्भुत कृपा और प्रेम का सुंदर चित्रण करती है। इस भजन में भक्त लकी शुक्ला जी ने बड़े ही सरल लेकिन असरदार शब्दों में बाबा श्याम के प्रति अपनी आस्था और भक्ति का इज़हार किया है।
भजन में वर्णित 'पीढ़ी' का प्रतीकात्मक प्रयोग यह दर्शाता है कि जैसे-जैसे भक्त बाबा की सीढ़ियों पर चढ़ता है, वैसे-वैसे उसके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और कृपा का प्रसार होता है। हर एक पीढ़ी (चरण) पर भक्त को अलग-अलग रूपों में श्याम बाबा का आशीर्वाद मिलता है — कहीं हाथ पकड़कर मार्गदर्शन करते हैं, कहीं जीवन का भाग्य संवारते हैं, कहीं कष्टों को दूर कर समृद्धि प्रदान करते हैं।
रचना में नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं पीढ़ी तक पहुँचते-पहुँचते श्याम बाबा के चमत्कार और कृपा का विस्तार और भी रोमांचक हो जाता है, जहाँ भक्त काल को भी जीतने का वरदान पाता है और अपार सुख-संपत्ति से मालामाल हो जाता है। अंतिम यानी तेरहवीं पीढ़ी पर जब जीवन के संघर्ष चरम पर होते हैं, तब बाबा श्याम स्वयं अपने भक्त को गले लगाकर सारा दुःख हर लेते हैं।
"तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों" एक ऐसा भजन है, जिसमें शब्दों से ज्यादा भावनाएं बोलती हैं। लकी शुक्ला जी ने इसे न सिर्फ लिखा है बल्कि भक्ति और समर्पण के रंग में इस तरह रंगा है कि यह सुनने वाले हर भक्त के दिल में सीधे उतरता है। इस भजन को गाते हुए जैसे भक्त स्वयं बाबा श्याम के सोने के बंगले की सीढ़ियां चढ़ने लगता है और हर कदम पर उनका आशीर्वाद पाता है।