ये दिल ये मन दिल की धड़कन, ye dil ye man dil ki dhadkan sab me sarkar tumhi to ho

ये दिल ये मन दिल की धड़कन



तर्ज - ये चमक ये दमक

ये दिल ये मन, दिल की धड़कन,
सब में सरकार तुम्ही तो हो,
मैं बाहर क्यों खोजू तुमको,
मेरी नस नस में तुम्ही तो हो,
सब में सरकार तुम्ही तो हो

ये दिल ये मन, दिल की धड़कन,
सब में सरकार तुम्ही तो हो

मेरा मन तेरा, मेरा तन तेरा,
मेरे जीवन का हर रंग तेरा
मेरे जीवन के हर एक रंग में
रंगों की बहार तुम्ही तो हो,
सब में सरकार तुम्ही तो हो
ये दिल ये मन, दिल की धड़कन,
सब में सरकार तुम्ही तो हो

मैं सेवक हूँ, तुम स्वामी हो,
प्रभु तुम तो अंतर्यामी हो
मैं तो छोटा सा एक दास तेरा
मेरे मालिक श्याम तुम्ही तो हो,
सब में सरकार तुम्ही तो हो
ये दिल ये मन, दिल की धड़कन,
सब में सरकार तुम्ही तो हो

मेरे राम तुम्ही, मेरे श्याम तुम्ही,
मेरे मोहन और घनश्याम तुम्ही
मैं तो तेरा एक पुजारी हूँ,
मेरे बांके बिहारी तुम्ही तो हो,
सब में सरकार तुम्ही तो हो
ये दिल ये मन, दिल की धड़कन,
सब में सरकार तुम्ही तो हो

मैं तो भूल गयी सब कुछ मोहन,
तेरी प्रीत में बन बैठी जोगन
तेरी प्रीत मुझे तो प्यारी हैं,
मेरा सच्चा प्यार तुम्ही तो हो,
सब में सरकार तुम्ही तो हो
ये दिल ये मन, दिल की धड़कन,
सब में सरकार तुम्ही तो हो

Lyr ics - Jay Prakash Verma, Indore



श्रेणी : कृष्ण भजन



ये दिल ये मन दिल की धड़कन सब में सरकार तुम्हीं तो हो ।।#priyanjaykeshyambhajan #bankebihari #radhe

"ये दिल ये मन, दिल की धड़कन, सब में सरकार तुम्ही तो हो"—इस भावपूर्ण भजन में भगवान श्रीकृष्ण की सर्वव्याप्ति का अद्भुत वर्णन किया गया है। हर धड़कन में, हर सांस में, हर कण-कण में ठाकुरजी की उपस्थिति को अनुभव करने वाला यह भजन भक्तों के हृदय को भक्ति-रस से सराबोर कर देता है।

इस भजन के रचनाकार जय प्रकाश वर्मा, इंदौर हैं, जिन्होंने अपनी भक्ति-भावना को इन शब्दों में ढाला है। भजन की तर्ज प्रसिद्ध गीत "ये चमक ये दमक" पर आधारित है, जिससे इसकी मधुरता और बढ़ जाती है।

भजन में भक्ति की गहराई को शब्दों में पिरोते हुए बताया गया है कि भगवान कहीं बाहर नहीं, बल्कि भक्त के मन, हृदय और हर सांस में बसे हुए हैं। भजन में समर्पण और अनुराग की झलक मिलती है—"मेरा मन तेरा, मेरा तन तेरा, मेरे जीवन का हर रंग तेरा।" इस पंक्ति से यह स्पष्ट होता है कि जब मनुष्य पूर्ण रूप से ईश्वर को समर्पित हो जाता है, तब वह खुद को भी उनकी कृपा में विलीन कर देता है।

"मैं सेवक हूँ, तुम स्वामी हो, प्रभु तुम तो अंतर्यामी हो"—इन पंक्तियों में भक्ति का वह भाव प्रकट होता है, जिसमें भक्त स्वयं को दास मानकर प्रभु की महिमा का गुणगान करता है। भजन में श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूपों का स्मरण करते हुए कहा गया है—"मेरे राम तुम्ही, मेरे श्याम तुम्ही, मेरे मोहन और घनश्याम तुम्ही।" यह भजन भक्त और भगवान के मधुर प्रेम को प्रकट करता है, जहाँ प्रेम की पराकाष्ठा पर भक्त अपने आप को भुला बैठता है और केवल ठाकुरजी में ही स्वयं को समर्पित कर देता है।

"सब में सरकार तुम्ही तो हो"—यह पंक्ति पूरे भजन की आत्मा है, जो बार-बार दोहराई गई है। यह प्रभु की सर्वव्यापकता को दर्शाती है कि वह हर जीव, हर वस्तु और हर स्थिति में विद्यमान हैं। यह भजन न केवल शब्दों का एक संकलन है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुभूति है, जो भक्तों को अपने आराध्य से जोड़ने का कार्य करता है।

Harshit Jain

आपका स्वागत है "Yt Krishna Bhakti" में, जहां आपको भगवान से जुड़ी जानकारी, मधुर भजन, इतिहास और मंत्रों का अद्भुत संग्रह मिलेगा। मेरा नाम "Harshit Jain" है, और इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको भगवान के भजन, उनके इतिहास, और उनके मंत्रों के बोल उपलब्ध कराना है। यहां आप अपने पसंदीदा भजनों और गायक के अनुसार भजन खोज सकते हैं, और हर प्रकार की धार्मिक सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। आओ, इस भक्ति यात्रा में हमारे साथ जुड़े और भगवान के नाम का जाप करें।

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