अम्बे रानी भवानी तू जग कल्यानी
अम्बे रानी भवानी, तू जग कल्यानी ।
तेरी महिमा है कितनी निराली,
तुझको कहते हैं शेरावाली ।।
दुःखियों के दुःख को,
मइया मेरी हरती ।
रोगियों के रोग को,
पल में ही हरती ।।
दुःखियों के दुःखों को मैया हरेगी,
वो है दुःख को हरने वाली ।।
तुझको कहते....
भक्तजनों पे मइया,
कृपा दृष्टि रखती ।
भक्तों के कष्ट को,
दूर सदा करती ।।
अम्बे तू मइया है जग की खेवैया,
तुझको ही कहें चण्डी-काली ।।
तुझको कहते.....
कान्त तू मइया जी का,
गुणगान करले ।।
अम्बे माँ का नाम तू,
लेके भव तर ले ।।
दुःख नाश करती है जगदम्बे मइया,
गाओ भक्तों बजा करके ताली ।।
तुझको कहते.....
भजन रचना : प. पू. श्री श्रीकान्त दास जी महाराज,
श्रेणी : दुर्गा भजन
Mata Bhajan अम्बे रानी भवानी तू जग कल्यानी | स्वर : आलोक जी | भजन रचना : #shrikantdasjimaharaj
"अम्बे रानी भवानी तू जग कल्यानी" एक अत्यंत भक्तिपूर्ण और शेरावाली माँ दुर्गा की महिमा पर आधारित भजन है, जो उनकी करुणा, कृपा और शक्तियों का गान करता है। इस भजन के माध्यम से भक्तों को माँ दुर्गा के आशीर्वाद और उनकी ममता का अहसास होता है। भजन में माँ के कई रूपों को दर्शाया गया है, जैसे शेरावाली, चण्डी और काली, जो संसार के कष्टों को दूर करने वाली शक्तियाँ मानी जाती हैं।
भजन में यह कहा गया है कि माँ दुर्गा न केवल दुखियों के दुःख को हरने वाली हैं, बल्कि वह अपने भक्तों के हर कष्ट को भी समाप्त करती हैं। रोगियों के रोग को भी वह पल में हर लेती हैं, और भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं। उनके नाम के जाप और उनकी भक्ति से भक्तों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
यह भजन भक्तों को प्रेरित करता है कि वे माँ दुर्गा के नाम का उच्चारण करें और उनके गुणों का गान करें, ताकि जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाएं। माँ के इस रूप का जिक्र करते हुए भजन में कहा गया है कि वह संसार की खेवैया हैं और अपनी कृपा से भक्तों को जीवन के हर संकट से पार कराती हैं।
भजन की रचना प. पू. श्री श्रीकान्त दास जी महाराज द्वारा की गई है और स्वर आलोक जी ने दिया है। यह भजन माँ दुर्गा की शक्ति, ममता और कृपा का प्रतीक है, जो भक्तों के दिलों में श्रद्धा और आस्था को जागृत करता है।