ज्योता दी ऐ लो दातिए ज्योता दी ऐ लो
ज्योता दी ए लौ दातिए,
ज्योता दी ए लौ।।
तेरे नाम दा नूर चढ़ाउंदी।।
वंडदी ए खुशबु,
ज्योता दी ए लौ.....
तू जग जननी, तू कल्याणी,
बुझे ना तेरी ज्योत नूरानी।।
भावे होवे सौंन महीना।।
भावे होवे पौह,
ज्योता दी ए लौ.....
तेरे दर माँ मौर बोलदे,
कन्ना दे विच रस घोलदे।।
तू बच्चया नू देवे लौरियाँ।।
दर ते आवे जो,
ज्योता दी ए लौ.....
जिहड़ा बनके सवाली आवे,
मुहो मंगियां मुरादा पावे।।
ओहदी झोली रवे ना खाली।।
तेरा होवे जो,
ज्योता दी ए लौ.....
पंछी जो आज़ाद परिंदे,
तेरे प्यारे सुनेहे देंदे।।
चंचल कदे भी भूल नहीं सकदा।
बचड़ा कदे वी भुल न ही सकदा
तेरी ममता मोह,
ज्योता दी ए लौ.....
श्रेणी : दुर्गा भजन
🙏ज्योता दी ऐ लो दातिए ,ज्योता दी ऐ लो🙏 इस सुन्दर भजन को जरूर सुने🙏
यह भजन "ज्योता दी ऐ लो दातिए" माँ दुर्गा की महिमा को समर्पित है। इसमें भक्त ने माँ दुर्गा से आशीर्वाद की प्रार्थना की है और उनके नूर की कृपा को महसूस किया है। भजन में माँ के प्रकाश, आशीर्वाद और उनकी असीम ममता का बखान किया गया है। इसे सुनने से एक अद्भुत आध्यात्मिक शांति मिलती है, जो भक्तों को भावनात्मक रूप से जोड़ती है।
भजन में कहा गया है कि माँ दुर्गा का नाम ही हर जगह प्रकाश फैलाता है और उनकी ज्योति से सारे संसार को रोशन किया जाता है। भक्तों का यह विश्वास है कि जो कोई भी माँ के दर पर सच्चे मन से आता है, उसकी झोली कभी खाली नहीं जाती। भजन में यह भी वर्णित है कि माँ की ममता में कोई कमी नहीं है, और उनका आशीर्वाद हर किसी को मिलता है। उनके दर पर आने वाला हर भक्त आशीर्वाद प्राप्त करता है, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में हो।
इस भजन के बोल, "ज्योता दी ऐ लो दातिए" को सुनकर भक्तों के दिलों में एक गहरी भावनात्मक लहर उठती है। माँ दुर्गा की कृपा की ये सुंदर वाणी हर एक आत्मा को अपने आप से जोड़ने का माध्यम बनती है। यह भजन न केवल भक्तों को ध्यान में लगाने का प्रेरणा देता है, बल्कि उनके जीवन में एक नई ऊर्जा भी भरता है।
यह भजन एक साधारण लेकिन गहरी भावनाओं को व्यक्त करने वाला है और इसकी पंक्तियाँ हमें माँ दुर्गा की असीम शक्ति और प्रेम का अहसास कराती हैं।