बैठे ऊंचे सिंहासन देखो ना मेरी ओर
तरज - सावन का महीना
बैठे ऊंचे सिंहासन देखो ना मेरी ओर,
कर लेना तू बाबा मेरी बातों पर ये घोर,
उंगली पकड़ के तूने चलना सिखाया,
गिरने से तुमने बाबा मुझको बचाया,
तेरे हाथ में बाबा इस पतंग की है ये डोर,
कर लेना तू बाबा मेरी बातों पर ये घोर,
सच में पुकारा तुमको किया ना बहाना,
देर ना लगाना बाबा जल्दी से आना,
तू है मेरा चंदा और मैं तेरा चकोर,
कर लेना तू बाबा मेरी बातों पर ये घोर,
बात सच्ची है बाबा झूठी ना बताओ,
प्रेम किया है तुमसे अब तों निभाओ,
लकी विनती प्यारे मत होना तू बोर,
कर लेना तू बाबा मेरी बातों पर ये घोर,
Lyrics - lucky Shukla
श्रेणी : कृष्ण भजन

यह भजन "बैठे ऊंचे सिंहासन देखो ना मेरी ओर" एक बहुत ही भावुक और विनम्र कृष्ण भजन है, जिसे लकी शुक्ला ने अपने मन की गहराइयों से लिखा है। इस भजन में भक्त की मनोस्थिति स्पष्ट दिखाई देती है, जहां वह भगवान कृष्ण के सामने अपनी मन की बात रखने, उनके प्रेम और संरक्षण की प्रार्थना करता है।
भजन की पंक्तियों में कृष्ण के प्रति एक विश्वास और आत्मीयता है, जो दर्शाती है कि भक्त ने अपने जीवन के हर कदम पर कृष्ण से मार्गदर्शन और मदद मांगी है। "उंगली पकड़ के तूने चलना सिखाया, गिरने से तुमने बाबा मुझको बचाया" यह पंक्तियां उस बचपन की याद दिलाती हैं जब भगवान ने हर मुश्किल में साथ दिया।
यह भजन भक्त की सच्ची भक्ति और आशा को उजागर करता है, जिसमें वह कृष्ण से अपनी विनती करता है कि वे उसकी बातों पर ध्यान दें और अपना प्रेम सदैव बनाए रखें। "तू है मेरा चंदा और मैं तेरा चकोर" जैसे शायरी से भरे भाव भजन को और भी मधुर और प्रभावशाली बनाते हैं।
कुल मिलाकर यह भजन श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा है, जो सच्चे मन से भगवान से जुड़ने और उनकी कृपा पाने का सुंदर माध्यम बनता है। यह भजन प्रेम, विश्वास, और समर्पण की अनमोल भावना को व्यक्त करता है।