बंसी बजैया धेनु चरैया
बंसी बजैया धेनु चरैया,
रास रचैया आजा कृष्ण कन्हैया,
बंसी बजैया आजा कृष्ण कन्हैया,
भक्त बुलाते हैं तुझे आजा कन्हैया,
बंसी बजैया आजा कृष्ण कन्हैया....
राधा जी को साथ लिए आजा कन्हैया,
रुक्मणि को साथ लिए आजा कन्हैया,
गोपियों को साथ लिए आजा कन्हैया,
ग्वाल बाल साथ लिए आजा कन्हैया,
आजा कन्हैया अब तो आजा कन्हैया,
बंसी बजैया आजा कृष्ण कन्हैया....
सुदामा जी को साथ लिए आजा कन्हैया,
दाऊ जी को साथ लिए आजा कन्हैया,
यशोदा जी को साथ लिए आजा कन्हैया,
नन्द बाबा को साथ लिए आजा कन्हैया,
आजा कन्हैया अब तो आजा कन्हैया,
बंसी बजैया आजा कृष्ण कन्हैया....
भक्त बुलाते हैं तुझे आजा कन्हैया,
बंसी बजैया आजा कृष्ण कन्हैया....
श्रेणी : कृष्ण भजन
Krishna Bhajan | Bansi Bajaiya Raas Rachaiya | बंसी बजैया रास रचैया | Sunil Sarvottam | Video
भजन “बंसी बजैया धेनु चरैया” एक अत्यंत मधुर और भावुक कृष्ण भक्ति रचना है, जो भगवान श्रीकृष्ण को प्रेमपूर्वक पुकारने का सजीव उदाहरण है। इस भजन में भक्त का हृदय बार-बार कृष्ण को सादर आमंत्रण देता है—“आजा कन्हैया”, और उन्हें उनके विभिन्न रूपों, लीलाओं और संबंधों के माध्यम से स्मरण करता है। यह भजन भगवान के बालरूप से लेकर उनके दिव्य संगियों तक की झलक प्रस्तुत करता है।
“बंसी बजैया, धेनु चरैया, रास रचैया”— ये शब्द श्रीकृष्ण के जीवन की अलग-अलग लीलाओं का सुंदर चित्रण करते हैं। बंसी बजाना उनका सौम्य स्वरूप दर्शाता है, धेनु चराना उनकी विनम्रता और चरवाहा जीवन का प्रतीक है, और रास रचना उनकी आध्यात्मिक और प्रेममयी लीलाओं की झलक देता है।
भजन में विशेष रूप से यह उल्लेख किया गया है कि भक्त केवल श्रीकृष्ण को नहीं, बल्कि उनके साथ राधा रानी, रुक्मणि जी, गोपियों, ग्वाल-बाल, सुदामा, दाऊ जी, यशोदा मैया और नंद बाबा को भी सादर आमंत्रण दे रहे हैं। यह संकेत करता है कि भक्त प्रभु को उनके पूरे परिवार, संगियों और मित्रों के साथ देखना चाहता है, जिससे समस्त वृंदावन और मथुरा की भक्ति भावना जीवित हो उठे।
हर पंक्ति में "आजा कन्हैया" की पुकार दर्शाती है कि यह भजन एक आह्वान है—प्रभु को दिल से पुकारने का। जैसे-जैसे भजन आगे बढ़ता है, वैसे-वैसे यह पुकार और भी गहराई से दिल को छूती है।