देखूं तुझे तो आए करार ना, Dekhu Tujhe toh Aaye Karar Naa Dekhu toh Rahu Bekarar

देखूं तुझे तो आए करार ना देखूं तो रहूं बेकरार



देखूँ तुझे तो आये करार, ना देखूँ तो रहू बेक़रार,
कैसा ये रिश्ता हैं मेरे सांवरे,
कैसा ये रिश्ता हैं मेरे सांवरे,

हर घडी लबो पे, नाम तेरा ही रहता हैं मेरे,
पल पल ये अँखिया, देखती हैं सपने ये तेरे,
सपनो में आकर के, सपनों में आकर के,
क्यों चले जाते हो मेरे सांवरे,
बोलो क्यों चले जाते हो मेरे सांवरे
कैसा ये रिश्ता हैं मेरे सांवरे,
कैसा ये रिश्ता हैं मेरे सांवरे,

बन संवर के बैठा, वृन्दावन की तू कुँज गलिन में,
हर कदम की डाली, रहता है तू हर एक कली में,
मेरे भी दिल में रहो, मेरे भी दिल में रहो,
दूर क्यों जाते हो मेरे सांवरे,
बोलो दूर क्यों जाते हो मेरे सांवरे,
कैसा ये रिश्ता हैं मेरे सांवरे,
कैसा ये रिश्ता हैं मेरे सांवरे,

मांगू क्या मैं तुझसे, तूने सब कुछ तो मुझको दिया हैं,
कोई भी ना देगा, प्यार जितना तूने दिया हैं,
तेरे सिवा कोई नहीं, तेरे सिवा कोई नहीं,
अब मुझको प्यारा हैं मेरे सांवरे,
तू ही मुझे प्यारा हैं मेरे सांवरे,
तेरा ही सहारा हैं, मेरे सांवरे,
बस तेरा ही सहारा हैं, मेरे सांवरे,

Lyri cs - Jay Prakash Verma, Indore



श्रेणी : कृष्ण भजन



देखूं तुझे तो आए करार ना देखूं तो रहूं बेकरार #bankebihari #priyanjaykeshyambhajan #krishna #radhe

यह भजन "देखूं तुझे तो आए करार, ना देखूं तो रहूं बेकरार" एक भक्तिपूर्ण और भावनात्मक कृष्ण भजन है, जिसमें भक्त अपने प्रिय भगवान श्री कृष्ण से अपनी गहरी भावनाओं को व्यक्त करता है। भजन में भक्त का मन इस स्थिति में है, जब वह श्री कृष्ण के दर्शन करता है, तो उसे शांति मिलती है, लेकिन जब वह उन्हें नहीं देख पाता, तो वह बेचैन और परेशान हो जाता है। भक्त कृष्ण के बिना अपने जीवन को अधूरा मानता है और उनके बिना कोई सुख नहीं पाता।

भजन में, भक्त कृष्ण को अपने जीवन का सबसे प्रिय मानता है और यह महसूस करता है कि कृष्ण के बिना उसका अस्तित्व अधूरा है। वह यह भी व्यक्त करता है कि कृष्ण ही उसका सहारा हैं, और उन्हें छोड़कर कुछ भी प्यारा नहीं है। इस भजन में वृंदावन का भी जिक्र किया गया है, जहां कृष्ण की लीला और उनके रूपों का दर्शन भक्त की आत्मा को शांति और संतोष प्रदान करता है। भक्त कृष्ण के सच्चे प्रेम में पूरी तरह समर्पित है और यही कारण है कि वह उनके बिना शांति नहीं पा सकता।

यह भजन जय प्रकाश वर्मा द्वारा रचित है, जो कृष्ण भजनों में गहरी भक्ति और प्रेम को व्यक्त करने के लिए प्रसिद्ध हैं। इस भजन में कृष्ण के प्रति असीम प्रेम और उनका भव्यता से अभिनंदन किया गया है।

Harshit Jain

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