सांवरे जल्दी बुला ले मुझे
जब तू बुलाएगा, मैं दौड़ा आऊंगा,
तेरे चरणों में अपने, सर को झुकाऊंगा,
सांवरे जल्दी बुला ले मुझे,
सांवरे अपना बना ले मुझे,
तेरी मेरी बाते, हर रोज होती हैं,
पर मिलने को तुझसे, अंखिया तरसती हैं,
इन अखियो की कान्हा, प्यास बुझा दे तू,
कब आऊ तेरे दर पे, इतना तो बता दे तू,
सांवरे जल्दी बुला ले मुझे,
सांवरे अपना बना ले मुझे,
कब तक मनाऊ मैं, इस दिल को बातो से,
मैं सोया नहीं कान्हा, कितनी ही रातो से,
हर रात की बाते, तुझको सुनाऊंगा,
जल्दी बुला कान्हा, मैं दौड़ा आऊंगा,
सांवरे जल्दी बुला ले मुझे,
सांवरे अपना बना ले मुझे,
माना के हूँ पापी, और अधमी हूँ थोड़ा,
क्या इसलिए कान्हा, तूने मुझे छोड़ा,
मेरे पापो की कान्हा, चाहे जो भी सजा दे तू,
एक बार तो कान्हा, दर पे बुला ले तू,
सांवरे जल्दी बुला ले मुझे,
सांवरे अपना बना ले मुझे,
Lyri cs - Jay Prakash Verma, Indore
श्रेणी : कृष्ण भजन
सांवरे जल्दी बुला ले मुझे ।। #bankebihari #radhe #shyam #vrindavan #radheshyam #krishna #radharani
यह भजन "सांवरे जल्दी बुला ले मुझे" एक गहरी भावनाओं से भरा हुआ कृष्ण भजन है, जो कृष्णा के प्रति भक्त की असीमित श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करता है। इस भजन में एक भक्त अपनी आत्मा की गहराई से भगवान श्री कृष्ण से आग्रह करता है कि वह उसे अपने पास बुला लें। वह कहता है कि जब भगवान कृष्ण उसे बुलाएंगे, तो वह तुरंत दौड़कर उनके पास जाएगा और उनके चरणों में सिर झुका देगा। भजन में भक्त की यह लालसा साफ दिखाई देती है कि वह भगवान के दर्शन चाहता है और उनकी कृपा से अपनी प्यास बुझाना चाहता है।
भजन में कवि यह भी व्यक्त करता है कि वह जानता है कि वह पापी है और थोड़ा अधर्मी भी है, लेकिन फिर भी वह कृष्ण से निवेदन करता है कि एक बार तो उसे अपने दर पर बुला लें। उसकी प्यास केवल कृष्ण के पास जाकर ही मिट सकती है। यह भजन भक्त की निरंतर इंतजार की भावना और कृष्ण के प्रति असीम प्रेम को प्रकट करता है।
इस भजन को जय प्रकाश वर्मा, इंदौर ने लिखा है, जो कृष्ण भजन के रूप में भक्तिपूर्ण भावनाओं को सुंदरता से व्यक्त करते हैं। यह भजन कृष्ण के प्रति पूर्ण समर्पण और उनके आशीर्वाद की प्रतीक्षा का प्रतीक है।