दिवानी हो गई श्याम,तेरे वृन्दावन में आके
बौंल-कजरारी तेरी आंखों में, क्या भरा हुआ एक टोना है,
प्यारे तेरा तो हसंन मेरा है मरन, बस जांन हाथ खोंना है,
क्या ख़ुब हुंस्न ब्यान करूँ, ये बृज़ का एक खिलौंना है,
श्री ललित किशोरी जू के प्राण जीवन धंन, ये तो सुंदर श्याम सलोंना है,
( तर्ज - जय राधे राधे श्री राधे राधे )
दिवानी हो गई श्याम,तेरे वृन्दावन में आके,
दिवानी....
जब से देखी मैंने वाकी सुरतिया, मन मेरो मोहे लियो बांकें सांवरिया,
बौंल-इक तेरी प्यारी सुरत पे,बस हो ही गया है प्यार मुझे,
खाई है ज़माने की ठोकर,इक तूं ही मिला दिलदार मुझे,
राधा रसिक बिहारी अब देर ना कर, झट से दिखला दिदार मुझे
जब से देखी मैंने वाकी सुरतिया,मन मेरो मोहे लियो बांकें सांवरिया मस्तानीं हो गई श्याम,
तेरे वृन्दावन में आके
दिवानी....
बांकें बिहारी मेरे रसिकबिहारी,
चतुरबिहारी मेरे मोहनीबिहारी
बांकें बिहारी तेरे मोटे-मोटे नैंना,
कजरारे मतवारे नैंना
बिन देखे मोहे,चैंन पड़ेना
मतवारी हो गई श्याम,तेरे वृन्दावन में आके
दिवानी हो गई श्याम,तेरे वृन्दावन में आके
दिवानी....
छोड़ दई रे मैंने दुनिया सारी,बांकें
बिहारी तोसे कर ली यारी
बैरागंन हो गई श्याम,तेरे वृन्दावन में आके
दिवानी हो गई श्याम,तेरे वृन्दावन में आके
दिवानी....
बाबा श्री गोबिंददास जी
तटिया स्थान (वृन्दावन)
बाबा धसका पागल पानीपत
संपर्कं सुत्र - 7206526000
श्रेणी : कृष्ण भजन

यह भजन "दिवानी हो गई श्याम, तेरे वृन्दावन में आके" एक अत्यंत भावपूर्ण और रसपूर्ण कृष्ण भजन है, जिसमें भगवान श्याम की सुन्दरता, उनके वृन्दावन के मनोहारी स्वरूप और उनकी अनोखी मोहिनी छवि का वर्णन बड़े ही प्रेम और भक्ति भाव से किया गया है। भजन की पंक्तियाँ बाबा श्री गोबिंददास जी और बाबा धसका पागल जैसे प्रसिद्ध संतों की रचनात्मकता का सुंदर नमूना हैं, जिन्होंने कृष्ण भक्ति को अद्भुत शब्दों और भावनाओं में पिरोया है।
इस भजन में श्याम की आँखों की माया, उनकी मुस्कान और वृन्दावन की रमणीयता को इस कदर दर्शाया गया है कि जो भी इसे सुनता या पढ़ता है, उसके हृदय में भगवान के प्रति प्रेम और श्रद्धा स्वाभाविक रूप से जाग उठती है। "बौंल-कजरारी तेरी आंखों में, क्या भरा हुआ एक टोना है" जैसे पंक्तियाँ श्याम की मोहिनी छवि की खासियत को बड़ी खूबसूरती से उजागर करती हैं।
इसके साथ ही भजन में यह भी व्यक्त किया गया है कि भक्ति और प्रेम के मार्ग पर चलकर श्याम की दिवानी होना एक अनूठा अनुभव है, जो मन को हर क्षण आनंदित और मोहित कर देता है। भजन का भाषा-शैली सरल होते हुए भी बहुत प्रभावशाली है, जो भक्तों को भगवान की भक्ति में डूबने और वृन्दावन के सौंदर्य का अनुभव करने के लिए प्रेरित करती है।
यह कृष्ण भजन श्रद्धालुओं के लिए एक अमूल्य रचना है, जो वृन्दावन की पवित्रता और श्याम के रूप की मधुरता को मन और आत्मा तक पहुंचाता है। इसे सुनकर या गाकर हर भक्त अपने भीतर की दिवानगी और भक्ति भाव को और प्रगाढ़ कर सकता है। कुल मिलाकर यह भजन कृष्ण भक्ति की गंगा में एक सुंदर मोती की तरह है, जो हर हृदय को श्याम के प्रेम से भर देता है।