जय हो उल्टे हनुमान - jay ho ulte hanuman
मंगल को जन्मे मंगल ही करते,
ऐसे हैं मेरे हनुमान,
जय हो उल्टे हनुमान जय उल्टे हनुमान,
मंगल को आओ मंगल ही पाओ,
जीवन के अपने दुखड़े मिटाओ,
आओ आओ हनुमान राह दिखाओ,
करते हो सबका भला तुम,
जय हो उल्टे हनुमान जय उल्टे हनुमान,
सांवेर की बस्ती है जिसमें हां जां,
लेते हैं यहां सभी उनका ही नाम,
बनते हैं यहां सभी के बिगड़े हुए काम,
वो है मेरे उल्टे हनुमान,
जय हो उल्टे हनुमान जय उल्टे हनुमान,
श्रेणी : हनुमान भजन
जय हो उल्टे हनुमान ||Mangal ko Janme Mangal hi karte||Chintan Trivedi
यह भजन "जय हो उल्टे हनुमान" एक उत्साहपूर्ण और जीवंत हनुमान भक्तिभाव से ओतप्रोत गीत है, जो भगवान हनुमान की विशेषता और उनकी अटूट भक्ति का सुंदर चित्रण करता है। इस भजन में हनुमान जी को ‘मंगल का जन्म’ बताया गया है, जो अपने नाम और स्वरूप के अनुसार हर संकट और दुख को दूर करते हैं। भजन में ‘उल्टे हनुमान’ शब्द का प्रयोग आकर्षक अंदाज में किया गया है, जो उनकी विशेषता, सरलता और अनोखे रूप को दर्शाता है।
यह भजन भक्तों को प्रेरित करता है कि वे हनुमान जी की शरण लेकर अपने जीवन की कठिनाइयों और दुखों से मुक्ति पाएं। “मंगल को आओ मंगल ही पाओ” जैसी पंक्तियाँ भजन की सकारात्मक ऊर्जा और आशा को दर्शाती हैं, जो भक्तों के मन में हनुमान जी के प्रति विश्वास और आश्रय की भावना को बढ़ावा देती हैं।
भजन का लय और शब्द सरल, प्रभावशाली और स्मरणीय हैं, जो सुनने वालों के दिल को छू जाते हैं। “सांवेर की बस्ती” का उल्लेख भक्तों की भीड़ और हनुमान जी की लोकप्रियता को दर्शाता है, जहां सभी उनके नाम से अपने बिगड़े काम सुधरवाते हैं।
इस भजन के माध्यम से भक्त हनुमान जी की शक्ति, करुणा और सशक्त सुरक्षा का अनुभव करते हैं। कुल मिलाकर, "जय हो उल्टे हनुमान" भजन भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा से भरता है, उनकी आस्था को मजबूत करता है और भगवान हनुमान की भक्ति में एक अलग ही आनंद का संचार करता है। यह भजन हनुमान भक्तों के लिए प्रेरणा और आशीर्वाद का स्रोत है।