कपि रामदूत कहलाये - kapi ramdoot kahlaye
कपि रामदूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए,
कभी इस डाल पर कभी उस डाल पर,
सारे फल फूल तोड़ गिराए,
जब लंका जलाने आए,
कपि रामदूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए
बोला लंकेश्वर है ये बड़ा निडर,
अपनी भक्ति की शक्ति दिखाए,
जब लंका जलाने आए,
कपि रामदूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।
जब वो पकड़े गए धर के जकड़े गए,
पूँछ अपनी वो इतनी बढ़ाए,
जब लंका जलाने आए,
कपि रामदूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।
आग बढ़ने लगी लंका जलने लगी,
हर तरफ हाहाकार मचाए,
जब लंका जलाने आए,
कपि रामदूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।
जब वो शंकर सुवन किए लंका दहन,
इक विभीषण की कुटिया बचाएं
जब लंका जलाने आए,
कपि रामदूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए
श्रेणी : हनुमान भजन
कपि रामदूत कहलाये || हनुमान भजन||@आशा ज्योति भजन ||
भजन "कपि रामदूत कहलाये" एक प्रेरणादायक और जीवंत हनुमान भजन है, जो भगवान हनुमान के अद्भुत पराक्रम और भक्ति को बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत करता है। इस भजन में भगवान हनुमान को राम का सबसे विश्वासी दूत, यानी "कपि रामदूत" के रूप में वर्णित किया गया है, जो लंका दहन के समय अपने अद्भुत साहस और शक्ति का प्रदर्शन करते हैं।
भजन की पंक्तियाँ हनुमानजी के लंका में फल-फूल तोड़ने, लंकेश्वर का सामना करने, और अपनी भक्ति की ताकत दिखाने की वीरता को दर्शाती हैं। "जब लंका जलाने आए" यह दोहराव पूरे भजन में भगवान हनुमान के उस महाप्रयाण और त्याग का भाव जगाता है, जब उन्होंने श्रीराम की सेवा में लंका को जला कर रावण को घातक चोट पहुंचाई थी।
यह भजन विशेष रूप से हनुमान जी की शौर्यगाथा, उनकी अटूट भक्ति, और संकटमोचन स्वरूप को श्रद्धा भाव से गाता है। आशा ज्योति भजन द्वारा प्रस्तुत यह गीत भक्तों के हृदय में उत्साह और श्रद्धा को प्रज्वलित करता है।
कुल मिलाकर, "कपि रामदूत कहलाये" हनुमान भजन श्रेणी में एक अत्यंत लोकप्रिय और भक्तिपूर्ण गीत है, जो भगवान हनुमान के प्रति भक्ति और विश्वास को गहरा करता है और उन्हें संकटमोचन के रूप में याद दिलाता है। यह भजन उन सभी भक्तों के लिए है जो अपने जीवन की कठिनाइयों में हनुमानजी की शक्ति और संरक्षण की कामना करते हैं।