एक बार नहीं मुझको बार-बार चाहिए
( तरज - एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तों )
एक बार नहीं मुझको बार-बार चाहिए,
हमें तो खाटू वाले का यह प्यार चाहिए,
दीवाने तेरे लाखों हजारों है खड़े,
क्या दया हुई हम पर जो है नैना पड़े,
ना कोठी और बांग्ला ना कार चाहिए,
हमें तो खाटू वाले का यह प्यार चाहिए,
ना है बात कोई मुझ में तेरा कमाल है,
मेरे सिर पे बाबा तेरा जो हाथ है,
ना बैंक बैलेंस नाही गार्ड चार चाहिए,
हमें तो खाटू वाले का यह प्यार चाहिए,
दिया है तूने इतना क्या-क्या बताएं हम,
दुखों में मेरे बाबा हर लेता सारे गम,
लकी है तेरा सेवक ऐसा दातार चाहिए,
हमें तो खाटू वाले का यह प्यार चाहिए,
Lyrics - lucky Shukla
श्रेणी : खाटू श्याम भजन

यह भजन "एक बार नहीं मुझको बार-बार चाहिए" खाटू श्याम जी के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम का अद्भुत संचार करता है। लेखक लकी शुक्ला द्वारा रचित यह भजन बहुत सरल और सच्चे दिल से लिखा गया है, जिसमें भक्त अपने मन की बात बड़े ही भावपूर्ण तरीके से प्रकट करता है।
भजन की शुरुआत ही यह बताती है कि भक्त को एक बार का प्यार नहीं, बल्कि बार-बार, लगातार खाटू वाले श्याम जी का आशीर्वाद और स्नेह चाहिए। इसमें सांसारिक चीजों जैसे कोठी, बंगला, बैंक बैलेंस या गार्ड-चार की कोई अहमियत नहीं, बल्कि केवल और केवल भगवान की ममता और सुरक्षा की चाहत प्रकट होती है।
"दीवाने तेरे लाखों हजारों हैं खड़े" पंक्ति में भक्त की विनम्रता और भगवान की महत्ता की झलक मिलती है, जो बताती है कि लाखों भक्तों के बीच भी भगवान ने उसे खास स्थान दिया है। इसके साथ ही, दुख और तकलीफ में बाबा के संरक्षण का उल्लेख इस भजन को एक सुकून भरा संदेश देता है।
यह भजन भक्तों के मन में श्याम जी के प्रति पूर्ण विश्वास और समर्पण की भावना को जगाता है। यह भजन खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो सांसारिक सुख-सुविधाओं से परे जाकर भगवान की अनमोल ममता और प्यार को अपनाना चाहते हैं।
संक्षेप में, "एक बार नहीं मुझको बार-बार चाहिए" एक सरल, हृदयस्पर्शी और भक्तिमय भजन है, जो खाटू श्याम जी की कृपा और प्रेम को पाने की प्रबल इच्छा को दर्शाता है और भक्तों को भगवान के प्रति गहरी आस्था और भक्ति का संदेश देता है।