काले कजरारे नैना पलकें गुलाबी
काले कजरारे नैना पलकें गुलाबी,
पड़ती है श्याम की ये नज़रे जहाँ भी,
हो जाती दुनिया बेकाबू........
श्याम की अँखियों में जादू है जादू,
श्याम की अँखियों में जादू,
नीली नीली अँखियाँ सागर से भी है गहरी,
आभा हैं इनमे सूरज जैसी सुनहरी,
जिनपे भी पड़े अँखियाँ ये जादूगर की,
सुध बुध भूल बन जाए मुरलीधर की,
रहे ना खुद पर काबू काबू,
श्याम की अँखियों में जादू है जादू,
श्याम की अँखियों में जादू,
अँखियाँ तो बोले इसकी प्रेम वाली भाषा,
करती है दूर सबके मन की निराशा,
आशा पूरी करती है दुखड़े मिटाती है,
बन पतवार नैया पार ये लगाती है,
इसपे ज़िन्दगी लुटा दूँ लुटा दूँ,
श्याम की अँखियों में जादू है जादू,
श्याम की अँखियों में जादू,
अँखियों में इनके तीनो लोक हैं समाये,
दया की नज़र पाने को सिर को झुकाये,
अँखियों का इसका ज़माना ये दीवाना है,
सभी ने कभी से अपने मन में ये ठाना है,
इस्पे ज़िन्दगी लुटा दू लुटा दू,
श्याम की अँखियों में जादू है जादू,
श्याम की अँखियों में जादू,
श्रेणी : कृष्ण भजन
काले कजरारे नैना पलकें गुलाबी | Shyam Ki Ankhiyon Mein Jaadu | New SHyam Bhajan | Roshan Sharma
यह भजन "काले कजरारे नैना पलकें गुलाबी" एक अत्यंत आकर्षक और भावनात्मक श्याम भक्ति गीत है, जो भगवान श्यामसुंदर (कृष्ण) की अनुपम सुंदरता और उनकी दृष्टि की दिव्यता का वर्णन करता है। इस भजन की रचना Roshan Sharma द्वारा की गई है, और इसे सुनते ही मन भक्तिभाव से भर जाता है। इसकी प्रत्येक पंक्ति श्याम की अँखियों की मोहकता, रहस्य और उनके भीतर छुपे करुणा और प्रेम को उजागर करती है।
भजन की शुरुआत में "काले कजरारे नैना, पलकें गुलाबी" जैसे शब्द श्याम की मोहिनी छवि का चित्रण करते हैं, जो न केवल सुंदरता से भरपूर है, बल्कि जब वह नज़र किसी पर पड़ती है, तो वह इंसान सुध-बुध खो बैठता है। इस गाने की मुख्य विशेषता है — "श्याम की अँखियों में जादू है, जादू...", यह पंक्ति पूरी रचना की आत्मा है, जिसे हर अंतरे में繰繰 कर दोहराया गया है।
भजन आगे कहता है कि श्याम की अँखियाँ गहराई में सागर से भी गहरी हैं और उनमें ऐसी दिव्यता है जो सूर्य की आभा जैसी चमकदार है। यह दृष्टि किसी भी भक्त के जीवन को बदल सकती है। उनकी आँखें केवल सौंदर्य की प्रतीक नहीं बल्कि आध्यात्मिक शक्ति का भी केंद्र हैं — जो प्रेम, करुणा, आशा, और मोक्ष प्रदान करती हैं।
इस भजन में भक्त की भावनाएँ, उनका आत्मसमर्पण और श्याम के प्रति अनन्य प्रेम स्पष्ट रूप से प्रकट होता है। अँखियों के माध्यम से तीनों लोकों को समेटे श्याम की दृष्टि को पाकर भक्त अपने जीवन को धन्य मानता है और उसी नज़र-ए-करम के लिए सिर नवाता है।
"श्याम की अँखियों में जादू है..." — यह भजन न केवल एक भक्ति गीत है बल्कि वह भावनात्मक सेतु भी है जो श्रोता को श्याम के साक्षात दर्शन का अनुभव कराता है। यह गीत उन सभी के लिए है जो श्याम के रूप, उनकी भक्ति और उनके प्रेम में खो जाना चाहते हैं।