कुटिया में आ गई बाहर जय श्री राधे राधे
होली का आया है त्यौहार श्री राधे राधे,
कुटिया में आई है बहार श्री राधे राधे,
कान्हा की आंखें काली मैं तो हो गई मतवाली,
मेरा तो बदल गया व्यवहार श्री राधे राधे,
कुटिया में आई है बहार श्री राधे राधे,
होली का आया है त्यौहार श्री राधे राधे,
संतों की महिमा निराली मुखड़े पर रहती लाली,
उनका तो कान्हा से है प्यार श्री राधे राधे,
कुटिया में आई है बहार श्री राधे राधे,
होली का आया है त्यौहार श्री राधे राधे,
होली के रंग निराले नीले पीले और काले,
इनकी मस्ती है अपार श्री राधे राधे,
होली का आया है त्यौहार श्री राधे राधे,
कुटिया में आई है बहार श्री राधे राधे,
मेरा तो चोला रंग दे संतों का मुझको रंग दे,
संतों की महिमा अपरंपार श्री राधे राधे,
होली का आया है त्यौहार श्री राधे राधे,
कुटिया में आ गई बहार श्री राधे राधे,
दुनिया की चाल अनूठी यह तो बस रहती रूठी,
कर लो तुम कान्हा से ही प्यार श्री राधे राधे,
कुटिया में आई है बहार श्री राधे राधे,
होली का आया है त्यौहार श्री राधे राधे,
श्रेणी : कृष्ण भजन
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होली प्रेम, रंग और आनंद का उत्सव है, लेकिन जब इस पर्व में राधा-कृष्ण का स्मरण होता है, तो यह और भी दिव्य बन जाता है। "होली का आया है त्यौहार श्री राधे राधे" भजन भक्तों के हृदय में भक्ति और उमंग का संचार करता है। इस भजन में भक्त राधा-कृष्ण की कृपा और संतों की महिमा का गुणगान करता है, जिससे यह एक भक्तिमय होली का अनुभव कराता है।
भजन के बोल सरल और मधुर हैं, जो कृष्ण-प्रेम में रंगे भक्त के हृदय की अवस्था को दर्शाते हैं। कान्हा की काली आँखों की मोहकता से लेकर संतों की महिमा और होली के रंगों की मस्ती तक, यह भजन श्रोता को कृष्ण-रस में डुबो देता है। अंत में, भक्त यह प्रार्थना करता है कि उसका मन संतों के रंग में रंग जाए और वह सांसारिक मोह को त्यागकर केवल श्रीकृष्ण से प्रेम करे।
यह भजन आनंद और भक्ति का संगम है, जो न केवल कान्हा की लीला का वर्णन करता है, बल्कि भक्तों को भी श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबने के लिए प्रेरित करता है। इस मधुर भजन को सुनकर हर भक्त का मन श्रीराधे के प्रेम में मग्न हो जाता है और होली का यह पर्व और भी पावन हो उठता है।