प्रभु जन्मे कृष्ण मुरारी prabhu janme krishna murari
प्रभु जन्में कृष्ण मुरारी, नंदलाल पीतांबर धारी,
नंदलाल पीतांबर धारी, गोपाल कृष्ण मुरारी।
प्रभु जन्में कृष्ण मुरारी........
कारागार में जन्म लिया जब,
टूटी बेडिया अचरज में जब,
कारागार में जन्म लिया जब,
टूटी बेडिया अचरज में जब,
नारायण, नारायण, नारायण स्वयं पधारे हैं,
नंदलाल पीतांबर धारी।
नंदलाल पीतांबर धारी, गोपाल कृष्ण मुरारी।
प्रभु जन्में कृष्ण मुरारी........
बाल प्रभु की छटा निराली,
नाचे देवगण बजा के ताली,
बाल प्रभु की छटा निराली,
नाचे देवगण बजा के ताली,
हर्षित है, हर्षित है, हर्षित है धरती अम्बर,
हर्षित है दुनिया सारी,
नंदलाल पीतांबर धारी, गोपाल कृष्ण मुरारी।
प्रभु जन्में कृष्ण मुरारी........
नर्कों में भी हर्ष है छाया,
धरती ने बदली फिर काया,
नर्कों में भी हर्ष है छाया,
धरती ने बदली फिर काया,
गोपाला गोपाला गोपाला नंद के लाला ने,
रचा है कैसी माया,
नंदलाल पीतांबर धारी, गोपाल कृष्ण मुरारी।
प्रभु जन्में कृष्ण मुरारी........
प्रभु जन्में कृष्ण मुरारी, नंदलाल पीतांबर धारी,
नंदलाल पीतांबर धारी, गोपाल कृष्ण मुरारी।
प्रभु जन्में कृष्ण मुरारी........
सिंगर - रोनित बिट्टू वर्मा
गीत संगीत - कमलेश बबलू बरमैया - 9425845672
श्रेणी : कृष्ण भजन
Prabhu Janme Krishna Murari // Krishna Janmashtami Spacial // Ronit Bittu Verma // 9131218271
"प्रभु जन्मे कृष्ण मुरारी" एक अत्यंत भावपूर्ण और उल्लास से भरा कृष्ण जन्माष्टमी विशेष भजन है, जिसे रोनित बिट्टू वर्मा की मधुर वाणी में प्रस्तुत किया गया है। इस भजन की रचना और संगीत कमलेश बबलू बरमैया द्वारा किया गया है, जो इसकी आत्मा को और भी जीवंत बना देता है। भजन में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का अलौकिक वर्णन किया गया है – जब कारागार की दीवारें भी झुक गईं, बेड़ियां टूट गईं और स्वयं नारायण ने अवतार लिया।
शब्दों के माध्यम से बाल कृष्ण की छटा, उनका मोहक रूप, देवताओं का नृत्य और ताली बजाकर किया गया स्वागत – यह सब इस भजन में इतनी सुंदरता से बुना गया है कि श्रोता स्वयं को द्वापर युग के उस अद्भुत क्षण में अनुभव करने लगता है। “हर्षित है धरती अंबर, हर्षित है दुनिया सारी” जैसी पंक्तियाँ जन्मोत्सव के माहौल को शब्दों में उकेरती हैं।
इस भजन में यह भी दर्शाया गया है कि प्रभु के जन्म से केवल धरती ही नहीं, बल्कि नरक लोक तक में आनंद की लहर दौड़ गई। यह बताता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म केवल एक पारिवारिक घटना नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय आनंद का क्षण था।
"प्रभु जन्मे कृष्ण मुरारी" न केवल एक संगीतबद्ध भजन है, बल्कि यह भक्तों के हृदय में भक्ति, आनंद और श्रद्धा की भावना को प्रगाढ़ करता है। रोनित बिट्टू वर्मा की आवाज़ और कमलेश बबलू बरमैया के शब्द-संगीत का यह संगम इसे कृष्ण जन्माष्टमी के लिए एक आदर्श भजन बना देता है।