सानू लगियाँ ने मौजा माँ चिंतापूर्णी
मेरी चिन्तापूर्णी माँ - मेरी प्यारी प्यारी माँ,
मेरी चिन्तापूर्णी माँ - मेरी प्यारी प्यारी माँ,
सानू लग्गियाँ ने जो मौजा,
माँ चिन्तापूर्णी लायियाँ ने,
जो वी पल्ले साड़े ए सब,
मैया दियाँ वड्डीयाईआँ ने,
सानू लगियाँ ने जो मौजां....
कम कदे साड़े रुकन ना दित्ते
जेबचो पैसे मुक्कन ना दित्ते
माँ सिर साडे कदे झुक्कन ना दित्ते
हर था होइयाँ चड़ाइयाँ ने
सानू लगियाँ ने जो मौजा.....
गुड्डी साड़ी चड़ी होयी आ
माँ ने बाँह मेरी फड़ी होयी आ
मैया नाल मेरे खड़ी होई आ
जद-जद मुश्किला आइयाँ ने
सानू लगियाँ ने जो मौजा.....
दीपक ते तूँ करदे मेहरा
लवली वी माँ बचड़ा तेरा
दर ते गौरव आवे जेड़ा
मेरी माँ ने सिधियाँ पाइयाँ ने
सानू लगियाँ ने जो मौजा......
गायक - दीपक गोगना (98771-37779)
लेखक - लवली दविंदर (कपूरथला)
श्रेणी : दुर्गा भजन
Meri Chintpurni Maa | Deepak Gogna | Chintpurni Mata Ke Bhajan | Navratri Special Bhajan 2023
भजन "सानू लगियाँ ने मौजा माँ चिंतापूर्णी" एक अत्यंत भावपूर्ण और श्रद्धा से भरा हुआ भजन है, जिसे प्रसिद्ध गायक दीपक गोगना ने अपनी मधुर आवाज़ में गाया है। इस भजन के लेखक हैं लवली दविंदर जी, जो कपूरथला से हैं। यह भजन माँ चिंतापूर्णी की महिमा का गुणगान करता है और बताता है कि माँ अपने भक्तों पर किस प्रकार कृपा बरसाती हैं।
भजन की हर पंक्ति में माँ के प्रति अगाध आस्था और प्रेम झलकता है। गायक दीपक गोगना जी ने जिस भावना से इसे प्रस्तुत किया है, वह श्रोताओं के हृदय को सीधे छू जाता है। भजन में बताया गया है कि माँ चिंतापूर्णी ने भक्तों को हमेशा सुख, शांति और आनंद प्रदान किया है। चाहे कैसी भी मुश्किल घड़ी क्यों न आई हो, माँ ने अपने भक्तों का हाथ कभी नहीं छोड़ा। उनकी कृपा से ही जीवन की सारी कठिनाइयाँ दूर होती हैं, और हर कदम पर जीत मिलती है।
इस भजन की विशेष बात यह है कि इसमें आम इंसान की भावनाओं को बहुत ही सरल और सच्चे शब्दों में प्रस्तुत किया गया है। इसमें माँ के दरबार की महिमा का बखान किया गया है और यह भी बताया गया है कि माँ हर भक्त की पुकार सुनती हैं। जब जेब में पैसे खत्म होते हैं, काम रुकने लगते हैं, या परेशानियाँ बढ़ जाती हैं, तब माँ ही होती हैं जो अपने बच्चों को संभालती हैं और सिर कभी झुकने नहीं देतीं।
यह भजन नवरात्रि जैसे पावन अवसरों पर विशेष रूप से गाया जाता है और भक्तों को माँ के चरणों में समर्पित कर देता है। "सानू लगियाँ ने मौजा" केवल एक गीत नहीं, बल्कि माँ चिंतापूर्णी के प्रति एक सच्चा भाव है, एक आभार है, और एक भक्ति की अमिट मिसाल है।