श्याम मथुरा ना जा तेरी राधा रो रो पुकारे
श्याम मथुरा ना जा तेरी राधा रो रो पुकारे,
हम जिएंगे किसके सहारे,
गोपी ये रो रो के आहें भरे,
तेरे बिना है कौन नटखट मेरे,
श्याम मथुरा ना जा,
तेरी गैईया रो रो पुकारे,
हम जिएंगे किसके सहारे,
किधर गई ओ तसली तेरी,
रुल जायेगी जींद कली मेरी,
श्याम मथुरा ना जा,
यशोदा मैया ये रो रो पुकारे,
हम जिएंगे किसके सहारे,
तेरे बिना जिन्दा रहना नही,
दर्द जुदाई का सेहना नही,
तेरी गोपी ये रो रो पुकारे,
हम जिएंगे किसके सहारे,
H K PYASA 9831228059
श्रेणी : कृष्ण भजन
shyam mathura na jaa. गोपी बीरह गीत. Hemkant jha pyasa. 9831228059
यह भजन "श्याम मथुरा ना जा" एक अत्यंत भावुक और हृदयस्पर्शी रचना है, जिसे श्री हेमकांत झा 'प्यासा' जी ने अपनी भावनाओं की गहराई से रचा है। यह एक विरह गीत है, जिसमें राधा और ब्रज की समस्त गोपियाँ, गायें, यशोदा मैया – सभी श्रीकृष्ण से विनती कर रहे हैं कि वह मथुरा न जाएं। यह भजन उस पीड़ा को उजागर करता है, जो श्रीकृष्ण के वियोग में ब्रजवासियों के हृदय में उठती है।
भजन की प्रत्येक पंक्ति में विरह की पीड़ा और प्रेम की पराकाष्ठा झलकती है – "श्याम मथुरा ना जा, तेरी राधा रो रो पुकारे" यह पंक्ति राधा की तड़प को व्यक्त करती है, जबकि "हम जिएंगे किसके सहारे" गोपियों और समस्त ब्रजवासियों की श्रीकृष्ण पर निर्भरता को दर्शाती है।
हेमकांत झा 'प्यासा' जी ने इस भजन में कृष्ण और ब्रजधाम के भावनात्मक संबंध को अत्यंत सुंदरता से उकेरा है। उनके शब्दों में ऐसा जादू है जो श्रोता के हृदय को छू जाता है और कृष्ण प्रेम में भिगो देता है। यह केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक आत्मा की पुकार है, जो अपने प्रभु से बिछड़ने की वेदना को गाकर उन्हें रोकने का प्रयास करती है।
यह भजन न केवल भक्तों के मन में भावनाओं का सागर लहराता है, बल्कि यह दर्शाता है कि कृष्ण केवल एक देवता नहीं, बल्कि प्रेम, अपनापन और सांत्वना का जीवंत प्रतीक हैं। श्री हेमकांत झा 'प्यासा' द्वारा रचित यह भजन वास्तव में गोपी विरह गीतों की श्रेणी में एक अनमोल रचना है।